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बेटियों की सुरक्षा के लिए सड़क पर उतरा रोहतक

By Edited By: Published: Sat, 30 Aug 2014 01:02 AM (IST)Updated: Sat, 30 Aug 2014 01:02 AM (IST)
बेटियों की सुरक्षा के लिए सड़क पर उतरा रोहतक

जागरण संवाददाता, रोहतक : छेड़छाड़ से तंग आकर दो छात्राओं के सुसाइड करने के कारण शहर के आम जनमानस के मन में कितना आक्रोश है, यह शुक्रवार को देखने को मिला। विभिन्न संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और जोरदार प्रदर्शन कर पुलिस-प्रशासन से छात्राओं की मौत का जवाब मांगा। डीएसपी करन गोयल और अनिल कुमार से हुई वार्ता में उन्होंने छेड़छाड़ की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए पुलिस से ठोस कदम उठाने की भी मांग की और सुझाव भी दिए।

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हुडा सिटी पार्क में हुए एकत्रित : छात्रा निकिता व मधु के सुसाइड करने की दर्दनाक घटना के विरोध में राष्ट्रवादी महिला जनवादी संगठन, एसएफआइ समेत विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता हुडा सिटी पार्क में एकत्रित हुए। यहां इस घटना की निंदा की गई और शहर में बढ़ रही छेड़छाड़ की घटना पर रोष प्रकट किया। इसके बाद वे सड़क पर उतर आए और नारेबाजी करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे। यहां धरना देकर उन्होंने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। डीएसपी करन गोयल और अनिल कुमार ने संगठनों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर कांफ्रेंस हॉल में बातचीत की। प्रतिनिधियों ने पुलिस से छात्राओं की मौत के जिम्मेदार सभी आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी और उन पर कठोर कार्रवाई की मांग की। वहीं, मनचलों और आवारा लड़कों पर शिकंजा कसने की भी मांग की गई। इस दौरान पुलिस ने प्रकरण में अब तक की गई कार्रवाई के अलावा छेड़छाड़ की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए बनाई जा रही योजना की भी जानकारी दी।

आक्रोश देख बंद कर दिया सचिवालय का गेट : प्रदर्शनकारी जैसे ही नारेबाजी करते हुए लघु सचिवालय में एसपी ऑफिस में जाने के लिए आगे बढ़े, तो पुलिसकर्मियों ने गेट बंद कर उन्हें रोक दिया। प्रदर्शनकारियों ने इसका जमकर विरोध किया। डीएसपी से वार्ता के दौरान भी इस मामले को उठाया गया।

ये हैं मांगें : - सभी स्कूल-कॉलेज और शिक्षण संस्थानों में शिकायत पेटिकाएं लगाई जाएं।

- पुलिस और महिला संगठन की मौजूदगी में इन्हें खोला जाए।

- छेड़छाड़ वाले इलाकों को चिह्नित कर गश्त बढ़ाई जाए।

-महिला थाने स्थापित किया जाएं।

- शिक्षण संस्थानों यौन उत्पीड़न रोकथाम कमेटी का गठन किया जाए।

- छात्राओं और महिलाओं के लिए शहर में अलग बसों का संचालन किया जाए।

- सुसाइड प्रकरण की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो।

- महिला हेल्पलाइन को प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए।


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