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जबरदस्ती परिचय लेना भी रैगिंग माना जाएगा

By Edited By: Published: Sat, 02 Aug 2014 01:03 AM (IST)Updated: Sat, 02 Aug 2014 01:03 AM (IST)
जबरदस्ती परिचय लेना भी रैगिंग माना जाएगा

जागरण संवाददाता, रोहतक :

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किसी भी छात्र-छात्रा से जबरदस्ती परिचय लेना भी रैगिंग की श्रेणी में आएगा। रैगिंग का दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है। सुप्रीम कोर्ट और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशों पर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय ने रैगिंग पर रोक लगाने के लिए वर्ष 2014-15 के लिए एंटी रैगिंग कमेटी का गठन कर दिया है।

कमेटी में इनको किया गया शामिल : प्रो. एसपी खटकड़ ने बताया कि इस समिति में ये शामिल हैं :

- अधिष्ठाता (शैक्षणिक मामले) प्रो. रविंद्र विनायक

- कुलसचिव डॉ. एसपी वत्स

- अधिष्ठाता, छात्र कल्याण प्रो. राजबीर सिंह

- प्रोवोस्ट (बायॅज) प्रो. एसएस चाहर

- प्रोवोस्ट (ग‌र्ल्स) डॉ. माया मलिक

- यौन उत्पीड़न रोकथाम समिति की अध्यक्ष, प्रो. सुनीता मल्होत्रा

- विधि विभाग के प्रोफेसर, प्रो. बदरुद्दीन

- लोक प्रशासन विभाग की प्रोफेसर शशि कला मेहरा

- योग शिक्षिका डॉ. जगवंती देशवाल

- एसडीएम दलबीर सिंह

- विजेंद्र सिंह, डीएसपी हेडक्वार्टर

- डॉ. सुरेंद्र कुमार, मडूटा प्रधान

- दयानंद छिकारा, गैर शिक्षक संघ प्रधान

- जिला बार एसोसिएशन के प्रधान लोकेंद्र फौगाट

- एमटेक तृतीय वर्ष के छात्र सन्नी

- विधि विभाग नौवें समेस्टर की छात्रा भारती।

मदवि में नहीं आया रैगिंग का मामला : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में एक भी रैगिंग का मामला सामने नहीं आया है। हालांकि विगत वर्ष छात्रों के बीच हुई मारपीट में दो छात्रों ने जरूर रैगिंग की शिकायत कमेटी के समक्ष की थी लेकिन जब कमेटी ने दोनों पक्षों को बुलाकर पूछताछ की तो मामला मारपीट भी निकला। बाद में छात्रों ने शिकायत वापस ले ली थी।

सभी कॉलेज और विभागों को दिए निर्देश : विवि के प्रॉक्टर ने मदवि के सभी शैक्षणिक विभागों के अलावा हॉस्टल वार्डन को एंटी रैगिंग कमेटी गठित करने के निर्देश जारी कर दिए है। इतना ही नहीं मदवि से संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्यो को भी एंटी रैगिंग कमेटी गठित करने के आदेश जारी कर दिए है। अगर किसी भी विभाग या महाविद्यालय में एंटी रैगिंग कमेटी का गठन नहीं किया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है।

फ्लाइंग स्कवायड भी गठित : मदवि में एक फ्लाइंग स्कवायड का भी गठन किया है, जो विवि परिसर के अलावा हॉस्टल व कैंटीन व अन्य स्थानों पर नजर रखेगी। फ्लाइंग स्कवायड समय-समय पर छात्रों से पूछताछ की करेंगी ताकि कोई डर के मारे शिकायत न कर पा रहे हो। शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही स्कवायड सक्रिय हो जाएगी।

रैगिंग रोकने के लिए विवि गंभीर : खटकड़ : मदवि के प्रॉक्टर डॉ. एसपी खटकड़ का कहना है कि रैगिंग रोकने के लिए यूजीसी के निर्देशानुसार कमेटी गठित कर दी है। इतना ही नहीं सभी विभागाध्यक्ष व महाविद्यालयों के प्राचार्यो को भी पत्र भेजकर कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। विश्वविद्यालय परिसर व विभागों में एंटी रैगिंग के बोर्ड भी लगा दिए है ताकि छात्रों में इसके प्रति जागरूकता बनी रहे।


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