यात्रियों से टूटा जीआरपी का संपर्क
जागरण संवाददाता, रोहतक : सरकारी महकमों की कछुआ कार्रवाई स्थानीय रेलवे स्टेशन के यात्रियों को भारी पड़ रही है। यहां किसी यात्री के साथ कोई अप्रिय घटना हो जाए, तो जीआरपी को सूचना तक नहीं पहुंचा सकता। क्योंकि यहां का एक मात्र लेंडलाइन फोन दो माह से बिल न भरने के कारण कटा पड़ा है।
स्थानीय रेलवे स्टेशन पर जीआरपी के पास न तो कोई हेल्पलाइन है और न ही कोई अतिरिक्त लेंडलाइन फोन है। यहां केवल एक मात्र लेंडलाइन फोन है, जिस पर यात्री अपनी समस्या और घटना के संबंध में जानकारी देते हैं, लेकिन यह लेंडलाइन फोन भी लगभग दो माह से कटा पड़ा है। पड़ताल करने पर पता चला है कि यहां मौजूद लेंडलाइन पर 42 हजार रुपये से अधिक का बीएसएनएल विभाग का बकाया था। बिल जमा न होने पर विभाग ने यहां का फोन काट दिया। इसके दो माह बाद भी ना तो रेलवे विभाग बीएसएनएल का बिल जमा कर पाया है और ना ही जीआरपी के संपर्क का साधन टेलीफोन की लाइन चालू की गई है। जीआरपी प्रभारी दावा कर रहे हैं कि उन्होंने बीएसएनल और विभागीय अफसरों से मौखिक और लिखित रुप में इस संबंध में जानकारी दे रखी है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर स्थिति जस के तस बनी हुई है।
बिल बकाया था : महेंद्र पाल सिंह, जीआरपी प्रभारी ने बताया कि बीएसएनएल का बिल बकाया था। इसके चलते लाइन काटी गई है। यात्रियों को इससे निश्चित ही परेशानी हो रही है, लेकिन मैं अपनी तरफ से टेलीफोन विभाग और रेलवे अफसरों को अवगत कराकर समस्या के समाधान की मांग कर चुका है। जल्द समाधान हो जाएगा।