मंडी में भीगा किसानों का पीला सोना, शेड में भी नहीं रहा सुरक्षित
जागरण संवाददाता, रोहतक : जिले में हुई बेमौसम बारिश ने मंडियों में पड़ा लाखों टन गेहूं भीग गया। इससे जहां मंडी के आढ़ती चिंतित हैं, वहीं किसानों की भी मुश्किल बढ़ गई है। इतना ही नहीं खेतों में बिना कटाई की फसल को भी बारिश से काफी नुकसान पहुंचा है। विडंबना की बात ये है कि मंडी बोर्ड प्रशासन ने अनाज को बारिश से बचाने के लिए कोई प्रयास तक नहीं किए। शेड खाली रहे जबकि अनाज खुलेआम तले बारिश में भीगता रहा। रोहतक में ही नहीं बल्कि सांपला, महम, कलानौर व किलोई में भी मंडियों में गेंहू भीग कर खराब होने लगा है।
जिले की विभिन्न अनाज मंडियों में गेंहू की आवक चरम पर है, जिसके कारण लाखों टन गेंहू की आवक अभी तक मंडी में हो चुकी है। लेकिन मंडियों में अनाज के रखरखाव के कोई इंतजाम नहीं है, जिसके कारण खुले आसमान तले पड़ा हुआ था। जो गेहूं आढ़तियों ने खरीद लिया, उसका नुकसान तो आढ़ती को होगा, लेकिन जिस गेहूं की बोली नहीं हुई, उसकी जिम्मेदारी किसान की रहेगी। ऐसे में अब किसानों को अपना गेंहू बेचने के लिए सूखने का इंतजार करना पड़ेगा। हालंाकि आढ़तियों के पास पर्याप्त तिरपाल हैं। लेकिन हकीकत यह है कि गेहूं को बारिश से बचाने के लिए मंडी में कोई प्रबंध नहीं है। हाल यह है कि मंडी परिसर में बने हुए विभिन्न शेड भी अनेकों जगह से टूटे हुए हैं। इनमें रखा हुआ गेहूं भी बारिश से सुरक्षित नहीं है।
किसान महेंद्र, रामकुमार, रमेश आदि का कहना है कि मार्किट कमेटी के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा उन्हें भुगतान पड़ रहा है। बारिश में गेहूं भीगने के कारण अब उन्हें गेहूं को फैलाकर सूखाना पड़ रहा है। जब तक उनके गेहूं की खरीद नहीं होगी, तब तक वे घर भी नहीं जा सकते। अगर मंडी में व्यापक इंतजाम होते तो उन्हें ऐसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।
जिले में हुई 20,899 टन गेहूं की आवक
जिला की विभिन्न मंडियों में अब तक 20,899 टन गेंहू की आवक हो चुकी है। यह सारा गेहूं विभिन्न सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदा गया है।
अब तक रोहतक अनाज मंडी में 18360 टन, लाखनमाजरा मंडी में 1211 टन तथा सांपला की अनाज मंडी में 1328 टन गेंहू की आवक हुई है। इस आवक में से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 7818 टन, हैफेड द्वारा 11870 टन तथा भारतीय खाद्य निगम द्वारा 1211 टन गेंहू की खरीद की गई है।
शीघ्र नहीं संभाला तो सड़ जाएगा अनाज
विशेषज्ञों की मानें तो बारिश में भीगे अनाज को शीघ्र नहीं संभाला तो सड़ना शुरू हो जाएगा। जिसके कारण वहां भयंकर दुर्गध मारने लगेगी। मंडी में सीवरेज व्यवस्था ठीक नहीं है, जिसके कारण पानी की निकासी नहीं हो रही। जहां अनाज से भरी बोरियों के नीचे पानी घुस गया है, वहीं खुला पड़ा अनाज भी पानी में तैर रहा है।
गेहूं का शीघ्र सुखाया जाएगा : ज्योति धनखड़
मंडी बोर्ड की सचिव ज्योति धनखड़ का कहना है कि अचानक हुई बारिश से गेंहू को तिरपाछ से नहीं ढका जा सका, लेकिन मौसम साफ होने के बाद भीगे अनाज को सूखाया जाएगा। मंडी का दौरा कर आढ़ती व संबंधित अधिकारियों को हर वक्त अलर्ट रहने के निर्देश भी दिए है।