अब बच्चों पर भी डेंगू का हमला
वरिष्ठ संवाददाता, रोहतक : डेंगू ने अब बच्चों को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। पीजीआइ के एमरजेंसी विभाग में रोजाना डेंगू से पीड़ित पांच से सात बच्चे आ रहे हैं। उधर, मेडिसन विभाग में भी रोजाना डेंगू के दस मरीज रोजाना दाखिल हो रहे हैं। पिछले तीन दिन की बात करें तो पीजीआइ में करीब 60 से ज्यादा डेंगू से पीड़ित मरीज पहुंच चुके हैं। इनमें 20 के करीब बच्चे शामिल हैं। गंभीर बच्चों को आइसीयू में रखा जा रहा है। अहम बात यह है कि इनमें पानीपत, सोनीपत, झज्जर के साथ साथ रोहतक के सात बच्चे भी शामिल हैं।
पीजीआइ के बाल रोग विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन दिन में डेंगू से पीड़ित मरीजों में रोहतक की देव कालोनी निवासी सिद्धार्थ (13), रनीश (8) निवासी सांपला, हिसार रोड निवासी भावना (5), झज्जर चुंगी निवासी मनीष (8) विजय नगर निवासी अंशिका, प्रिंस, श्याम कालोनी निवासी सुमित को दाखिल कराया है। इनके अलावा डेंगू से पीड़ित सोनीपत निवासी राहुल, कौशल, पानीपत से राहुल, सिद्धार्थ, वीवा और झज्जर के गांव आसौदा निवासी अंजु व जहाजगढ़ निवासी आकाश को व जींद के रामा गेट निवासी कुणाल (5) को पीजीआइ में दाखिल कराया गया है।
बताया जाता है कि इन बच्चों में कई की स्थिति गंभीर होने के कारण उन्हें बच्चों के आइसीयू में रखा गया है। ये हालात तो अकेले पीजीआइ के हैं, इनके अलावा सामान्य अस्पताल में भी डेंगू से पीड़ित मरीज आ रहे हैं और प्राइवेट अस्पतालों में लोग इलाज करा रहे हैं। रोहतक की बात करें तो गांवों के साथ साथ शहर के लोगों भी डेंगू तेजी से फैल रहा है। सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका सांपला है। अकेले सांपला में डेंगू पीड़ितों की संख्या 50 से ज्यादा है।
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मेडिसन विभाग में लगी लाइन, फैली अव्यवस्था :
एमरजेंसी के मेडिसन विभाग में डेंगू से पीड़ितों की लाइन लगी हुई है। एक दिन में 10 से 15 मरीज पहुंच रहे हैं। ऐसे में मात्र दो कमरों में विभाग चलने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों को बैड नहीं मिल रहे हैं और एक ही बैड पर दो दो मरीजों को एडजेस्ट किया जा रहा है। पिछले तीन दिन में विभाग में 30 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। इनमें आधे से ज्यादा दूसरे जिलों से संबंधित हैं।
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मौसम में बदलाव, वायरल व बुखार भी बढ़ा
बाल रोग विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में बदलाव के कारण बच्चों में वायरल व बुखार के भी ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। अस्थेमिटक के पीड़ित भी बढ़ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बदलाव के दौरान बच्चों की विशेष देखभाल की जरूरत है। अगर किसी भी प्रकार की शिकायत होती है तो तुरंत डाक्टर से चेकअप कराएं। साथ ही हर हाल में बच्चों को मच्छरों की पहुंच से दूर रखें।
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रोकथाम के लिए पूरे प्रयास किए गए हैं : सीएमओ :
इस बारे में सीएमओ डॉ. वीके गोविला का कहना है कि डेंगू से रोकथाम के लिए पूरे प्रयास किए गए हैं। अस्पताल में डेंगू के इलाज के पुख्ता प्रबंध हैं। लोगों को चाहिए कि वे अपने आस पास पानी न जमा होने दें और मच्छर न पैदा होने दें।
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