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रेवाड़ी: जान का खतरा, डूब के जाना है, इलाज कराना है

बरसात से मौसम तो खुशगवार हुआ लेकिन जलभराव के कारण आम लोगों की समस्याएं बढ़ गईं।

By Amit MishraEdited By: Published: Thu, 20 Jul 2017 05:27 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jul 2017 05:27 PM (IST)
रेवाड़ी: जान का खतरा, डूब के जाना है, इलाज कराना है
रेवाड़ी: जान का खतरा, डूब के जाना है, इलाज कराना है

रेवाड़ी [जेएनएन]। इलाज के लिए जान का खतरा। सुनकर अजीब लगेगा लेकिन यह हकीकत है। जरा सी बरसात होने के बाद कभी नागरिक अस्पताल के नजदीक आकर खड़े होंगे तो उन मरीजो का दर्द आंखों से देखने को मिलेगा, जो दीवार फांदकर अस्पताल के अंदर जाते हैं।

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मरीज इसलिए दीवार फांदकर जाने को मजबूर होते हैं क्योकि जरा सी बरसात के बाद ही अस्पताल के बाहर 3 से 4 फीट तक पानी जमा हो जाता है। सालों से यह समस्या बनी हुई है लेकिन समाधान का रास्ता आज तक नहीं निकला है। बड़ी बात यह है कि जिस दीवार को फांदकर मरीज अस्पताल में घुसते और निकलते हैं उससे बिलकुल सटा हुआ बिजली का ट्रांसफार्मर लगा है, जहां कभी भी हादसा हो सकता है।

रास्ता कभी निकाला ही नहीं

बृहस्पतिवार को सुबह के समय बरसात हुई। बरसात से मौसम तो खुशगवार हुआ लेकिन जलभराव के कारण आम लोगों की समस्याएं बढ़ गईं। शहर में दर्जनों ऐसे स्थान हैं जहां मामूली बरसात में ही जलभराव की स्थिति बन जाती है और वहां से निकलना तक मुश्किल हो जाता है। सबसे बुरा हाल नागरिक अस्पताल के बाहर होता है। अस्पताल के बाहर 3 फीट तक पानी जमा हो गया।

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