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कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग कपास के लिए हानिकारक

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: कृषि विभाग के तत्वावधान में गांव बुडौली बुधवार को कपास की फसल पर प्रशिक्षण

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Jun 2017 04:31 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jun 2017 04:31 PM (IST)
कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग कपास के लिए हानिकारक
कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग कपास के लिए हानिकारक

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: कृषि विभाग के तत्वावधान में गांव बुडौली बुधवार को कपास की फसल पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया जिसमें किसानों को कपास की फसल में संतुलित खाद तथा कीटनाशक के उपयोग की जानकारी दी। शिविर में 55 से अधिक किसानों ने भाग लिया। अध्यक्षता करते हुए मूंदी के विकास अधिकारी डॉ. सुमित यादव ने कहा कि किसान विभागीय योजनाओं का लाभ उठाने के लिए विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण अवश्य कराएं। बावल कृषि विज्ञान केंद्र के कीट वैज्ञानिक डॉ. बलबीर ¨सह ने कपास में लगने वाले कीटों की जानकारी देते हुए कहा कि इनकी पहचान के प्रति जागरूक किया।

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उन्होंने कहा कि बीटी कपास में मुख्यत: हरा तेला, चेपा तथा सफेद मक्खी कीट का प्रकोप अधिक होता है, इसके लिए किसान इन पर दवाओं का छिड़काव अवश्य करें। डॉ. बलबीर ¨सह ने कहा कि किसान नीम आधारित स्प्रे का प्रयोग करें। डॉ. अनिल यादव कृषि विकास अधिकारी खोल ने कहा कि किसान किसी भी कीटनाशक का प्रयोग करते समय अधिकारियों से अवश्य सलाह लें ताकि किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हो। उन्होंने कहा कि ¨सचाई के बाद एनपीके डालें। उन्होंने कहा कि कपास में कीट लगने पर एक-एक पौधा सूखता है। उपमंडल कृषि अधिकारी डॉ. दीपक यादव ने विभागीय योजनाओं के लिए आधार कार्ड का महत्व बताते हुए कहा कि फसल बीमा के लिए 31 जुलाई अंतिम तिथि है। डॉ. सुरेंद्रपाल ने उर्वरा शक्ति के बारे में जानकारी दी तथा एडीओ डा.मनोज कुमार ने फसलों के बारें में विस्तार से बताया। इस अवसर पर र¨वद्र कुमार, प्रवीण कुमार, सत्यवान ¨सह,राजबीर ¨सह एवं इंद्र ¨सह मौजूद थे।


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