नोटबंदी पर सवाल खड़े करना पड़ा भारी: शास्त्री
अमित सैनी, रेवाड़ी अपनी स्पष्टवादिता के लिए पहचान रखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री
अमित सैनी, रेवाड़ी
अपनी स्पष्टवादिता के लिए पहचान रखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र व ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव अनिल शास्त्री ने यूपी में हुई कांग्रेस की हार के लिए पार्टी की प्रचार नीतियों को ही जिम्मेदार ठहराया है। अनिल शास्त्री ने कहा कि चुनाव में नोटबंदी व साम्प्रदायिकता को मुद्दा बनाना खुद कांग्रेस पर ही भारी पड़ गया जिसके कारण उन लोगों को यूपी व उत्तराखंड में हार का सामना करना पड़ा। शास्त्री बृहस्पतिवार को पूर्व मंत्री कैप्टन अजय ¨सह यादव की ओर से आयोजित राव अभय ¨सह मैमोरियल वालीबॉल व क्रिकेट प्रतियोगता का शुभारंभ करने के लिए रेवाड़ी आए थे। इस दौरान दैनिक जागरण के साथ हुई विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस ने सरकार बनाई तथा मणिपुर व गोवा में भाजपा ने बेईमानी से अपनी सरकार बनाई है। परिणाम आने से पूर्व ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह इन्हीं तैयारियों में जुट गए थे और बयान भी जारी कर चुके थे। पूर्व सांसद ने कहा कि यूपी व उत्तराखंड में चुनाव प्रचार के दौरान उनसे गलतियां हुई। दिन में 25 बार भाषण दिए तो हर बार नोटबंदी को ही मुद्दा बनाया गया। यह लोगों को पसंद नहीं आया। इसके अतिरिक्त साम्प्रदायिकता को लेकर भी भाजपा पर प्रहार करना हमारी पार्टी की हार का कारण बना।
सभी को मालुम है कि कांग्रेस गैर साम्प्रदायिक पार्टी है और ऐसे में हम लोगों को बार-बार साम्प्रदायिकता का जिक्र नहीं करना चाहिए था। शास्त्री ने कहा कि राहुल गांधी को अब पूर्ण रूप से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पदभार संभाल लेना चाहिए और पुरानी घिसी पिटी टीम को हटाकर नई टीम का गठन कर नई ऊर्जा के साथ उतरने की जरूरत है।