एनजीटी ने दूषित पानी मामले में ठोंका 5 लाख जुर्माना
सुनील चौहान, धारूहेड़ा राजस्थान के भिवाड़ी स्थित औद्योगिक क्षेत्र से कंपनियों का दूषित पानी धारूहेड़
सुनील चौहान, धारूहेड़ा
राजस्थान के भिवाड़ी स्थित औद्योगिक क्षेत्र से कंपनियों का दूषित पानी धारूहेड़ा में छोड़े जाने के मामले में एनजीटी ने राजस्थान सरकार व इससे संबंधित विभागीय अधिकारियों पर 5 लाख रुपये का जुर्माना ठोंका है। इसके साथ ही दूषित पानी को लेकर गलत रिपोर्ट पेश करने वाले जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता की तनख्वाह से 50 हजार रुपये बतौर जुर्माना काटने के भी आदेश दिए गए हैं।
जहरीले पानी ने दूषित किया भूमिगत जल व मिट्टी
भिवाड़ी स्थित रीको औद्योगिक क्षेत्र से धारूहेड़ा व आसपास के गांवों में दूषित एवं रसायन युक्त पानी सालों से छोड़ा जा रहा है। दूषित पानी के इस मामले को लेकर धारूहेड़ा नपा की उपचेयरपर्सन सुमित्रा मुकदम ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी। दायर की गई याचिका के बाद राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को इस मामले में एनजीटी द्वारा तलब किया जा चुका है। एनजीटी की ओर से भिवाड़ी व धारूहेड़ा की मिट्टी व पानी के सैंपल लेकर भी प्रदूषण मात्रा की जांच कराई जा चुकी है। हाल ही में सुनवाई के दौरान एनजीटी की ओर से राजस्थान के अधिकारियों से यह सवाल पूछा गया था कि दूषित पानी से भिवाड़ी व धारूहेड़ा में ग्राउंड वॉटर कितना खराब हुआ है। तीन बार अधिकारियों से यह सवाल किया गया लेकिन किसी ने भी जवाब नहीं दिया। जब चौथी बार सख्ती से सवाल पूछा गया तो जन स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता राम किशन ने कहा कि पानी का स्तर बहुत अच्छा है। उनके जबाव देने के बाद एनजीटी ने सैंपल रिपोर्ट की जांच की जिसमें साफ हो गया कि कार्यकारी अभियंता ने जो जवाब दिया वह झूठा है क्योंकि सैंपल रिपोर्ट में मिट्टी व पानी दोनों प्रदूषित मिले हैं।
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एनजीटी की ओर से राजस्थान सरकार की लापरवाही को लेकर जुर्माना लगाया गया है। एनजीटी की ओर से आर्डर आइटम नंबर 22 व 23 के तहत राजस्थान सरकार व संबंधित विभागीय अधिकारियों पर 5 लाख तथा जन स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
हरीश कुमार, एसडीओ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।