'किसान गेहूं में करें सिर्फ पांच ¨सचाई'
संवाद सहयोगी कोसली: उपमंडल के झाड़ौदा गांव में मंगलवार को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा आतमा
संवाद सहयोगी कोसली: उपमंडल के झाड़ौदा गांव में मंगलवार को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा आतमा स्कीम के तहत प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में पूर्व खंड कृषि अधिकारी रामकरण मलिक मुख्यअतिथि के रूप में मौजूद थे। डा. मनोज यादव ने किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया फसल के प्राकृतिक नुकसान होने के 48 घंटे के अंदर बीमित किसान कृषि विभाग या बीमा कंपनी को सूचित करें अन्यथा बाद में कोई सुनवाई नहीं हो पाएगी। पूर्व एडीओ डा. रामकरण मलिक ने किसानों को कृषि की लागत बचाने बारे जानकारी
दी और बताया कि किसान भाई अज्ञानता अथवा देखादेखी में अंधाधुंध दवाइयों व खाद का प्रयोग करते हैं जिससे किसान की लागत तो बढ़ती है लेकिन पैदावार में कोई फर्क नहीं पड़ता, बल्कि वातावरण ज्यादा प्रदूषित होता है। इसलिए किसानों को कृषि विभाग के वैज्ञानिक अथवा कृषि अधिकारी से परामर्श करके ही जरूरत के हिसाब से खाद व दवाईयां डालनी चाहिए। कृषि विकास अधिकारी डा. राकेश कुमार ने फसलों में पानी की समुचित ढंग से ¨सचाई करने की सलाह दी और बताया कि सरसों की फसल में दो ¨सचाई व गेहूं फसल में पांच ¨सचाई ही लाभप्रद होती है। इसकी बजाय कई किसान सरसों में चार-पांच व गेहूं में आठ-दस ¨सचाइयां कर रहे हैं जिससे किसानों के समय व धन की बर्बादी होती है तथा साथ-साथ पैदावार भी कम हो रही है। उन्होंने बताया कि ज्यादा ¨सचाई व गहरी ¨सचाई से घुलनशील खाद जैसे यूरिया आदि पानी के साथ नीचे चले जाते हैं और फसल पीली पड़ जाती है जिससे पैदावार में कमी आती है। इसलिए फसलों में हल्की ¨सचाई करनी चाहिए। डा. सतीश इंदौरा ने हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई ऑनलाइन वेबसाइट
डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट एग्री हरियाणा डाट काम के बारे में बताया और कहा कि सरकार द्वारा खाद, बीज व कृषि यंत्रों पर किसानों को दिए जाने वाले सभी अनुदान रजिस्ट्रेशन करने पर सीधे किसानों के खाते में ही जाएंगे। डा. नरेन्द्र ने बायोगैस संयंत्रों पर दी जाने वाली सबसीडी की जानकारी दी। इस अवसर पर रोशन लाल, रामकंवार, रामचन्द्र, सतबीर, विक्रम, राजेन्द्र सहित अन्य किसान मौजूद थे।