Move to Jagran APP

समय से पहले ही सिमट गया तिब्बती बाजार

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी:नोटबंदी का असर सीजनल व्यापारी पर भी बहुत पड़ा है। सर्दियों के दौरान शहर में

By Edited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 06:29 PM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 06:29 PM (IST)
समय से पहले ही सिमट गया तिब्बती बाजार

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी:नोटबंदी का असर सीजनल व्यापारी पर भी बहुत पड़ा है। सर्दियों के दौरान शहर में लगने वाले गर्म कपड़ों को तिब्बती बाजार भी समय से पहले ही सिमट गया।

loksabha election banner

तिब्बती शरणार्थी ऊनी वस्त्र विक्रेता संघ की ओर से हर वर्ष नवंबर माह से ही रेवाड़ी सहित आसपास के शहरों में गर्म कपड़ों का बाजार लग जाता है। रेवाड़ी में पिछले लगभग सात साल से यह बाजार नवंबर माह से फरवरी माह तक लगता था। इस बार भी तिब्बती व्यापारियों ने हुडा मैदान के समीप यह बाजार लगाया था लेकिन नोटबंदी से इस बाजार में बहुत कम संख्या में ग्राहक पहुंचे रहे हैं। जिसके चलते एक माह में ही तिब्बती शरणार्थी यहां से अपना व्यापार समेटकर चले गए।

भिवाड़ी में भी नहीं आ रहे ग्राहक

यही स्थिति साथ लगते भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र में भी इनके साथ हो रही है। भिवाड़ी में एनएच 71 बी पर यूआइटी कार्यालय व अलवर बाईपास पर तिब्बती शरणार्थियों ने ऊनी कपड़ों की दुकानें लगाई हैं। प्रतिवर्ष अलवर में ऊनी कपड़ों की सीजनल दुकानें लगाने वाले तिब्बती शरणार्थियों ने औद्योगिक नगरी में दुकानें लगाई थीं और उन्हें अच्छी खासी बिक्री की उम्मीद थी लेकिन नोटबंदी की वजह से उन्हें लागत वसूल करना मुश्किल हो रहा है। नोटबंदी के चलते बिक्री नहीं होने से इन व्यापारियों ने यूआइटी की भूमि पर दुकानें लगाने की मांग की है ताकि उनका व्यापार चल सके। वस्त्र विक्रेता तेन¨जग ने बताया कि तिब्बती मार्केट में नकदी में ऊनी वस्त्र बेचे जाते हैं और लोग यहां पर डेबिट कार्ड लेकर आते हैं। हमारे पास स्वाइप मशीन नहीं होने से ग्राहक डेबिट कार्ड से खरीददारी नहीं कर सकते। व्यापरियों का कहना है कि दिनभर में चार-पांच ग्राहक आते हैं और ग्राहकी कम होने से खर्च निकालना मुश्किल हो गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.