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रेलवे में नौकरी का झांसा देकर ठगे 3.60 लाख

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी का एक और मामला सामने आया है। शहर थान

By Edited By: Published: Wed, 29 Jun 2016 06:51 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2016 06:51 PM (IST)
रेलवे में नौकरी का झांसा देकर ठगे 3.60 लाख

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी का एक और मामला सामने आया है। शहर थाना पुलिस ने गांव माजरा भालखी निवासी एक युवक की शिकायत पर शहर थाना पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। युवक पिछले कई माह से प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए पुलिस के चक्कर लगा रहा था। आरोपी व्यक्ति स्थानीय बीएसएनएल कार्यालय में कार्यरत है। युवक ने नौकरी का झांसा देकर 3 लाख 60 हजार रुपये ठगने का आरोप लगाया है।

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2014 में किया था रेलवे में आवेदन

गांव माजरा भालखी निवासी कुलबीर व उसकी पत्नी ने जनवरी 2014 में रेलवे में भर्ती होने के लिए ग्रुप डी केटेगरी के पद पर आवेदन किया था। फार्म भरने के बाद कॉल लेटर आया तथा 9 नवंबर को टेस्ट होना था। शिकायत में कुलबीर ने कहा है कि टेस्ट होने से पांच दिन पहले ही अपने मामा के जरिए बीएसएनएल कार्यालय में कार्यरत धर्मपाल से संपर्क हुआ था। धर्मपाल ने कहा कि वह दोनों को नौकरी लगवा देगा तथा इसके लिए 3 लाख रुपये लगेंगे। धर्मपाल ने कुलबीर व उसकी पत्नी को नौकरी लगाने के लिए नवंबर 2014 में 80-80 हजार रुपये ले लिए। कुलबीर के अनुसार पैसे लेने के बाद धर्मपाल ने उन्हें एक कोड नंबर दिया तथा कहा कि इसे आंसर शीट पर लिख आना। धर्मपाल के कहे अनुसार ही कुलबीर व उसकी पत्नी ने पेपर दिए तथा कोड नंबर भी लिख आए। 20 जनवरी 2015 को जारी हुए परिणाम में न कुलबीर का और न ही उसकी पत्नी का नाम आया।

टीटीई लगवाने का दिया भरोसा

इसके बाद धर्मपाल किसी अन्य डिवीजन में टीटीई लगवाने का भरोसा दिया। कुलबीर ने जब अपने 1 लाख 60 हजार रुपये वापस मांगे तो धर्मपाल ने कहा कि कलकत्ता रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड में अपाइंटमेंट करा दिया है। मई 2015 को कुलबीर को एक लेटर दिया। लेटर देने के बाद धर्मपाल ने कुलबीर को एक अकाउंट नंबर देकर उसमें 50 हजार रुपये डलवाने के लिए कहा। यह अकाउंट नंबर किसी अमरीश चौबे के नाम पर था। 12 जून को ज्वाई¨नग कराने के बहाने से धर्मपाल अपने साथ कुलबीर व दो अन्य युवकों को पटना ले गया। वहां पर उनकी मुलाकात किसी आरएन शर्मा नाम के व्यक्ति से करा खुद तो पत्नी की बीमारी का बहाना बनाकर कुलबीर दो अन्य युवकों को वहीं छोड़ कर वापस लौट आया। आरएन शर्मा इन युवकों को कभी बनारस तो कभी कलकत्ता के स्टेशनों पर घुमाता रहा। इस दौरान कुलबीर से अलग-अलग किश्तों में 2 लाख रुपये और ले लिए गए। करीब एक माह तक चक्कर लगाने के बाद कुलबीर व उसके साथी जुलाई 2015 को वापस लौट आए। वापस लौटने के बाद कुलबीर ने अपने कुछ रिश्तेदारों को जब रेलवे के कागजात दिखाए तो पता चला कि ये तो पूरी तरह से ही फर्जी है। फर्जीवाड़े का पता चलने पर कुलबीर ने धर्मपाल से अपने रुपये वापस मांगे लेकिन उसने पैसे देने से साफ तौर पर मना कर दिया। कुलबीर ने पुलिस को शिकायत भी दी, परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद कुलबीर ने गत दस जून को दक्षिण रेंज की आईजी को शिकायत दी। शहर थाना पुलिस ने धर्मपाल के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी पर पहले भी नौकरी लगाने के नाम पर ठगी का मामला दर्ज हो चुका है।


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