Move to Jagran APP

मौत के बाद भी चार ¨जदगी रोशन कर गया श्रीकांत

ज्ञान प्रसाद, रेवाड़ी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छता मुहिम से प्रेरित होकर पिछले वर्ष 16 फ

By Edited By: Published: Sat, 06 Feb 2016 07:06 PM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2016 07:06 PM (IST)
मौत के बाद भी चार ¨जदगी रोशन कर गया श्रीकांत

ज्ञान प्रसाद, रेवाड़ी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छता मुहिम से प्रेरित होकर पिछले वर्ष 16 फरवरी को अपने बेटे श्रीकांत की शादी में गांव को 51 कूड़ेदान दान करने के कारण चर्चा में आए यहां के गांव अकबरपुर निवासी विनोद कुमार अपना बेटा खो चुके हैं। लेकिन उनका लाडला श्रीकांत मौत के बाद भी चार ¨जदगी रोशन कर गया। बिछुड़ने के अपार दुख के बीच विनोद कुमार ने ब्रेन डेड बेटे के अंगों को दान करने का साहसिक फैसला लेकर दूसरों के लिए ऐसी नजीर पेश की है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल से बृहस्पतिवार की रात ग्रीन कारीडोर बनाकर रेवाड़ी के इस युवक का दिल दिल्ली पहुंचाया गया था।

loksabha election banner

श्रीकांत का शुक्रवार को यहां अंतिम संस्कार किया गया। गमगीन माहौल के बीच हुई इस अंतिम विदाई के समय हर किसी की आंखें नम थी, लेकिन उनमें इन आंसुओं में इस बात का भाव भी था कि गांव के बेटे ने मरकर भी चार लोगों की ¨जदगी में खुशियां भरी है। विनोद कुमार की साहसिक पहल की भी लोगों ने जमकर सराहना की। श्रीकांत को 4 फरवरी को ब्रेन डेड घोषित करने के बाद परिजनों ने उसका दिल, लीवर, आखें और दोनों किडनी दान की है।

पढ़ाई बाधित न हो, इसलिए श्रीकांत शादी के बाद भी दुल्हन को विदाई करके अपने घर नहीं लाया था। अब 11 फरवरी को उसका गौना (दुल्हन को अपने घर लाना) होना था। लेकिन नियति को शायद यही मंजूर था।

गमगीन है मां :

मां कांता देवी अपने लाडले की विदाई से दुख के सागर में डूबी हुई है। दो बेटों का पिता विनोद कुमार भी अपने दिल को कठोर किए हुए हैं। उन्हें अपने छोटे बेटे के दुनिया से जाने का गम तो है, लेकिन यह संतोष भी है कि उसका बेटा कई घरों में खुशियां देकर विदा हुआ है। श्रीकांत का दिल जहां किसी 44 साल के व्यक्ति में धड़केगा वहीं आखें निरामया आई बैंक में रखी गए हैं। एक किडनी किसी रिक्शावाले की पत्नी को प्रत्यारोपित किया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.