शादियों में दिखने लगे सियासत के रंग
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : आमतौर पर शादी-विवाह जैसे कार्यक्रमों को राजनीतिक नजरिए से नहीं देखा जात
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : आमतौर पर शादी-विवाह जैसे कार्यक्रमों को राजनीतिक नजरिए से नहीं देखा जाता है लेकिन अब शादियों में भी सियासत के रंग दिखने लगे हैं। बृहस्पतिवार को स्थानीय इनेलो नेता सतीश यादव की बेटी दीपशिखा के विवाह समारोह से एक दिन पूर्व आयोजित प्रीतभोज समारोह में यूं तो केंद्रीय मंत्री चौ. बिरेंद्र ¨सह जैसे कई नेता शामिल हुए लेकिन रोहतक के सांसद दीपेंद्र ¨सह हुड्डा का आना खास व सर्वाधिक चर्चा में रहा।
जूनियर हुड्डा के आगमन की लोगों में खास चर्चा रही। भाजपा के वरिष्ठ नेता चौ. बिरेंद्र ¨सह से सतीश यादव की नजदीकी किसी से छुपी हुई नहीं है लेकिन दीपेंद्र हुड्डा का आना सियासत से जोड़ा जा रहा है। सतीश यादव की गिनती रेवाड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन अजय ¨सह यादव के धुर विरोधी के रूप में होती है। माना जा रहा है कि हुड्डा परिवार लंबे समय से कैप्टन के गढ़ में किसी ऐसे नेता की तलाश में है जो कैप्टन से हर मामले में दो-दो हाथ करने की क्षमता रखता हो। हालांकि, सतीश यादव कई बार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि उनकी राजनीति चश्मे व हरी पगड़ी के सहारे ही आगे बढ़ेगी लेकिन जिनको राजनीतिक अर्थ निकालने है, उन्हें कौन रोक सकता है। दीपेंद्र ¨सह हुड्डा का पूर्व मुख्य संसदीय सचिव राव दान ¨सह व अन्य पार्टी पदाधिकारियों के साथ सतीश के घर आना सतीश की तरफ 'दोस्ती का हाथ' बढ़ाना कहा जा रहा है। अटकल यह है कि यह दोस्ती का हाथ कहीं भविष्य में कांग्रेस का हाथ तो नहीं बन जाएगा? क्या हुड्डा परिवार रेवाड़ी में कैप्टन विरोधी किसी कद्दावर नेता की तलाश की ओर बढ़ रहा है? कुछ माह पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र ¨सह हुड्डा के साथ रेवाड़ी की सभा में हुए टकराव के बाद इसकी जरूरत बताई जा रही है। बहरहाल सवाल कई है, लेकिन जवाब वक्त देगा। संभव है दीपेंद्र का यहां पर आना महज एक राजनीतिक साथी के यहां कन्यादान के उद्देश्य से हो लेकिन चर्चाओं को कौन रोक पाया है।