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हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैयालाल की

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : जिले भर में शनिवार को जन्माष्टमी की धूम रही। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के

By Edited By: Published: Sat, 05 Sep 2015 07:00 PM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2015 07:00 PM (IST)
हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैयालाल की

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी :

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जिले भर में शनिवार को जन्माष्टमी की धूम रही। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद तक भी उत्साह व उमंग के साथ कार्यक्रम जारी रहे। शनिवार को चहुंदिशा से हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैयालाल की। जगह-जगह कान्हा के स्वागत को मंदिर और पांडाल सजे हुए नजर आए। राधे-कृष्ण की मनमोहक झांकियों ने लोगों का मन मोह लिया।

सुबह से देर रात तक विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। जगह-जगह श्रीकृष्ण-राधा की झांकियां निकाली गई। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार जन्माष्टमी का पर्व विशेष संयोग के साथ मनाया जा रहा है। सुबह से ही श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर देर रात श्रीकृष्ण के जन्म के बाद ही खोला। सुबह जहां मंदिरों में साज सज्जा और राधा, कृष्ण की प्रतिमाओं को आकर्षक ढंग से सजाया गया वहीं शाम होते होते मंदिर रोशनी से नहाए हुए नजर आए। श्रद्धालुओं की भीड़ भी शाम होते-होते जुटने लगी।

मंदिरों में नन्हें-मुन्ने बच्चे कान्हा और राधा के भेष में सजकर श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने हुए थे। कोई पालना झूल रहा था तो कोई दही की हांडी-फोड़ते हुए सुंदर लग रहे थे। रात 12 बजते ही कान्हा के जन्म के साथ श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना के बाद अपना व्रत खोलने के साथ ही जन्माष्टमी पर्व संपन्न हुआ। शनिवार की रात भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन को हर कोई अपने अंदाज में मनाने को उत्सुक दिख रहा था। कोई व्रत रखकर तो कोई पूजा अर्चना कर कान्हा के स्वागत की तैयारी में जुटा हुआ था।

इन मंदिरों में रही ज्यादा चहल पहल

शहर के बारा हजारी स्थित दुर्गा मंदिर, कायस्थवाड़ा स्थित राधाकृष्ण मंदिर, मॉडल टाउन स्थित राधा-कृष्ण मंदिर तथा मोती चौक स्थित घंटेश्वर महादेव मंदिर, सेक्टर एक स्थित भूतेश्वर महादेव मंदिर, काली माता देवी मंदिर व सेक्टर-तीन स्थित राधा-कृष्ण मंदिर, हरिकीर्तन मंदिर, कटला बाजार, बलभद्र सराय सहित विभिन्न मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। इन मंदिरों पर शनिवार सुबह से ही भजन कीर्तन आदि शुरू हो गए थे जो कि शाम को संगीतमयी राधा कृष्ण की सुंदर झांकियां निकालने के बाद 12 बजते ही श्रीकृष्ण का जन्मदिन मनाकर संपन्न किया गया। कार्यक्रम समापन पर श्रद्धालुओं को प्रसाद भी वितरित किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में भी जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। जिले के औद्योगिक कस्बा धारूहेड़ा, कोसली व बावल में भी ग्रामीणों द्वारा भगवान कृष्ण के जन्म पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस मौके पर कहीं खेलकूद तो कहीं जागरण भी हुआ। गांव बूडपुर स्थित कृष्ण मंदिर में श्रीकृष्ण रासलीला व जागरण का आयोजन भी किया गया। कलाकारों द्वारा दी गई प्रस्तुति पर रात भी श्रद्धालु झूमते रहे।


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