भूखे नहीं रहेंगे तस्करों से 'मुक्ति' पाने वाले पशु
कृष्ण कुमार, रेवाड़ी: गो-तस्करों से मुक्त करवाई जाने वाली गाय व अन्य पशुओं को अब भूखा नहीं रहना प
कृष्ण कुमार, रेवाड़ी: गो-तस्करों से मुक्त करवाई जाने वाली गाय व अन्य पशुओं को अब भूखा नहीं रहना पड़ेगा। पशुपालन विभाग ने सार्थक पहल करते हुए रेवाड़ी सहित प्रदेश के हर जिले के लिए 10-10 लाख रुपये की राशि स्वीकार की है। इस राशि का उपयोग पशुओं के कल्याण के आकस्मिक खर्चो के लिए किया जा सकेगा। यह राशि एसपीसीए (सोसायटी फॉर प्रीवेंशन ऑफ क्रूअल्टी टू एनीमल) के माध्यम से खर्च की जाएगी। क्रूरता की शिकायत मिलने पर गो तस्करों से मुक्त करवाई जाने वाली गायों को अक्सर भूखा रहना पड़ता था। कई बार क्रूरता की शिकायत मिलने पर गंतव्य तक वाहन की सुविधा नहीं मिल पाती थी, लेकिन अब ऐसे खर्चों के लिए मोहताज रहना नहीं होगा। जिला स्तर पर सोसायटी फॉर प्रीवेंशन ऑफ क्रूअल्टी टू एनीमल में सिर्फ प्रशासनिक अधिकारी ही नहीं बल्कि पशुपालन विभाग के उपनिदेशक भी शामिल हैं।
पशुपालन मंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट का पार्ट है योजना
एसपीसीए के माध्यम से पशुओं के कल्याण की यह योजना एक तरह से कृषि एवं पशुपालन मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ के गो संवर्धन गो संरक्षण के ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इसी की अगली कड़ी में बड़ा प्रोजेक्ट अभयारण्य के लिए आ रहा है। जिला रेवाड़ी में अभी अभयारण्य के लिए जमीन चिह्नित नहीं हुई है, लेकिन एसपीसीए पशु क्रूरता रोकने के लिए तैयार है।
मुक्त कराए गए पशुओं को भेजा जाता है गोशाला
इस समय अधिकांश गोवंश को गोशालाओं में भेजा जाता है लेकिन कई बार स्थानीय स्तर पर भी चारा-पानी की सुविधा करनी होती है। पुलिस ऐसे मामलों में आसपास के लोगों का सहयोग भी लेती रही है। नई योजना शुरू होने से ऐसे पशुओं को समय पर चारा उपलब्ध करवाया जा सकेगा। घायल पशुओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए वाहन किराए पर लेना या किसी घायल पशु तक तुरंत चिकित्सक को पहुंचाने के लिए वाहन की व्यवस्था करना भी इसी बजट से संभव हो सकेगा।
आपात परिस्थितियों में बचेगा पशुओं का जीवन
कई पशु अक्सर जीवन रक्षक दवाओं के अभाव में भी दम तोड़ जाते हैं। नई स्कीम से ऐसे गंभीर बीमार पशुओं के लिए आपातकालीन स्थिति में प्राइवेट दुकानों से भी दवाएं खरीदी जा सकेगी। जो दवाएं सरकारी अस्पताल में नहीं होंगी, वहीं दवाएं खरीदी जा सकेगी। जीवन रक्षा के लिए पशु को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना संभव होगा।
रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ दोनों जिलों के लिए 10-10 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया जा चुका है। पशुपालन विभाग के उप निदेशक बतौर सचिव एसपीसीए में काम करेंगे। पशुओं की लाइफ से¨वग के लिए पशुपालन विभाग की यह एक बेहतरीन योजना है।
-नसीब ¨सह, उपमंडल अधिकारी,
पशुपालन विभाग।