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डेडिकेट फ्रेट कारिडोर के लिए होगा भूमि अधिग्रहण

संवाद सहयोगी, भिवाड़ी: मुंबई-दिल्ली डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण करने की प्रक्रिया ते

By Edited By: Published: Wed, 28 Jan 2015 06:16 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jan 2015 06:16 PM (IST)
डेडिकेट फ्रेट कारिडोर के लिए होगा भूमि अधिग्रहण

संवाद सहयोगी, भिवाड़ी: मुंबई-दिल्ली डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। डीएफसी के अधिकारियों ने बुधवार को भिवाड़ी और रीको के अधिकारियों से भूमि अधिग्रहण को लेकर विचार-विमर्श किया।

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14 गांवों की जमीन होगी अधिग्रहीत

कॉरिडोर के लिए तिजारा तहसील के 14 गावों की भूमि अधिगृहीत की जानी है, जिसमें रीको औद्योगिक क्षेत्र के गांव भी शामिल है। भूमि अधिग्रहण के बाद किसानों को मुआवजा देकर कार्य शुरू किया जाएगा। औद्योगिक इकाइयों के निकट से फ्रेट कारिडोर बनाए जाने को लेकर उद्यमियों ने खुशी जताते हुए इसे क्षेत्र के लिए अच्छी सौगात बताया है। उनका कहना है कि भिवाड़ी में कंटेनर डिपो नहीं होने के चलते उन्हे अपना मॉल सड़क के जरिए दूसरे स्थानों से भेजना पड़ता है, लेकिन डीएफसी कॉरिडोर बनने के बाद निकट में ही कंटेनर डिपो की सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी लागत व समय की बचत होगी।

दिसंबर 2018 तक पूरा होगा प्रोजेक्ट

डीएफसी प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के अनुसार मुंबई-दादरी फ्रेट कारिडोर बनाने के लिए कार्य तेजी से चल रहा है और रेवाड़ी से पालनपुर के बीच करीब 640 किलोमीटर तक कार्य शुरू हो गया है और रेवाड़ी-भिवाड़ी-दादरी के बीच का काम एक साल के बीच शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2018 तक यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा। मेवात, धारुहेड़ा व बावल में स्टेशन बनाए जाएगा और पूरे ट्रैक पर लेवल क्रासिंग नहीं होगी।

कंटेनर डिपो बनना संभव

हालाकि भिवाड़ी में रेलवे स्टेशन नहीं बनाया जा रहा है, लेकिन अगर कोई कंपनी यहा कंटेनर डिपो बनाना चाहती है तो उसे सहयोग किया जाएगा। साथ ही औद्योगिक इकाइया अपने तक रेलवे लाइन बिछाने का आग्रह करती है तो उसे पूरा किया जाएगा, जिससे कंपनी से ही माल की लदान की जा सके। इस समय गुड्स ट्रेन मुंबई-दिल्ली के बीच की पंद्रह सौ किमी. दूरी पाच से सात दिन में तय करती है, लेकिन अलग ट्रैक बनने पर यह दूरी महज 18-20 घटे में पूरी हो जाएगी। प्रस्तावित मार्ग पर दौड़ने वाली डबल डेकर गुड्स ट्रेन करीब चार सौ कंटेनर एक साथ लेकर गंतव्य तक पहुचेंगी, जिससे सड़क पर यातायात का दबाव कम होगा व डीजल की बचत होगी। बैठक में रीको के रीजनल मैनेजर संजय झा व सुनील गुप्ता एवं डीएफसी के प्रोजेक्ट इजीनियर एमके उपाध्याय सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।


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