नष्ट हुई फसल के मुआवजे का इंतजार
फोटो: 19एनएआर-18 व 19 -15 दिसंबर को ओलावृष्टि से क्षेत्र के गावों की फसल बर्बाद हो गई थी -किसानो
फोटो: 19एनएआर-18 व 19
-15 दिसंबर को ओलावृष्टि से क्षेत्र के गावों की फसल बर्बाद हो गई थी
-किसानों ने 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की माग की थी
संवाद सहयोगी, महेद्रगढ़ :
प्रदेश सरकार के आदेशों का अनुपालन करते हुए जिस गति से जिला प्रशासन ने ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसलों की गिरदावारी कराई है उसी गति से किसान ओलावृष्टि के मुआवजे का इतजार कर रहे है। 15 दिसंबर को सुबह बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से क्षेत्र के गाव बवाना, खेड़ी, बसई, अगिहार, जाट आदि गावों की फसल बर्बाद हो गई थी। ओलावृष्टि से फसल का जायजा लेने के बाद तुरत गिरदावारी के आदेश शिक्षा परिवहन मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने दिए थे।
अतिरिक्त उपायुक्त एवं शर्मा के समक्ष किसानों ने 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की माग की थी। शर्मा ने भी पीड़ित किसानों को उचित मुआवजा देने का आश्वासन किया था। पूर्व विधायक राव दान सिंह भी प्रभावित क्षेत्र का दौरा करके किसानों के लिए उचित माग कर चुके हैं। किसान चंद्रहास, सरदार सिंह, विजय, ताराचंद आदि किसानों ने बताया कि ओलावृष्टि से फसल बर्बाद होने के कारण फसल पूर्ण रूप से बर्बाद हो चुकी है। सरकार को तुरत मुआवजा राशि देकर किसानों के जख्मों पर मरहम लगाना चाहिए। तहसील कार्यालय से जानकारी लेने पर उन्होने बताया कि बसई, बवाना, भुरजट के किसानों की एक हजार एकड़ के लगभग गेहू व सरसों की फसल ओलावृष्टि से खराब हो गई है। बवाना एवं बसई गाव की फसल में 76 से 100 प्रतिशत जबकि भुरजट में 25 प्रतिशत तक नुकसान का अनुमान गिरदावरी के समय लगाया गया है। बवाना गाव में गेहू की 200, सरसों की 300 एकड़, बसई में गेहू की 100, सरसों की 150, भुरजट में गेहू की 50, सरसों की 200 एकड़ फसल में ओलावृष्टि का नुकसान है। अगिहार, झूक व खेड़ी गावों में नुकसान अलग है। किसानों को इससे पहले सरसों के लिए 5 हजार और गेहू के लिए साढे़ सात हजार प्रति एकड़ का मुआवजा मिलता रहा है। इस बार हुए नुकसान के लिए किसान 50 हजार प्रति एकड़ की माग कर रहे है।
नायब तहसीलदार कंवल सिंह ने बताया कि सरकार के आदेशानुसार ओलावृष्टि से हुए नुकसान की गिरदावरी कराकर रिपोर्ट सरकार को भेज दी है। कुछ गावों में 76 से 100 प्रतिशत नुकसान है कुछ में 25 प्रतिशत का नुकसान है। उन्होंने बताया असली नुकसान का पता कुछ समय बाद पता चल पाएगा। फसल पीली पड़ने की शिकायतें भी किसानों की आ रही है। विशेष गिरदावरी होने पर नुकसान का पता चल पाएगा।