महेंद्रगढ़ के अधिकांश मार्ग जर्जर
-खराब मार्गो का परिणाम चुनाव में भुगतना पड़ा था कांग्रेस को -अभी तक नहीं है मार्गो के लिए कोई बजट
-खराब मार्गो का परिणाम चुनाव में भुगतना पड़ा था कांग्रेस को
-अभी तक नहीं है मार्गो के लिए कोई बजट
फोटो: 19एनएआर-01
संवाद सहयोगी, महेद्रगढ़ :
उपमंडल मुख्यालय से जाने वाले सभी सड़क मागरें की हालत खस्ता होने के कारण वषरें से लोग परेशान है। टूटे सड़क मार्गों का गुस्सा चुनावों में काग्रेस को भुगतना पड़ा। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद लोगों की सबसे पहली अपेक्षा क्षेत्र के टूटे सड़क मागरें की मरम्मत की थी। प्रदेश सरकार के मुखिया एवं वजीर टूटे सड़क मार्गों की हालत से भली भाति परिचित होने के साथ-साथ वे स्वीकार कर रहे है कि काग्रेस शासनकाल में जर्जर सड़क मागरें की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। सरकार बनने के दो महीने से अधिक समय व्यतीत हो जाने के बाद भी किसी सड़क मार्ग पर कार्य आरभ नहीं होने के कारण लोगों का धैर्य जवाब देने लग रहा है। महेद्रगढ़ - नारनौल मुख्य सड़क मार्ग की वर्षो से जर्जर हालत होने के साथ-साथ महेद्रगढ़ से माडोला, कुराहवटा, मालड़ा, सेहलंग, छाजियावास, दूलोठ, सेहलंग से बसई, पल, पाल, बैरावास, खेड़की आदि सड़का मार्गो के साथ-साथ सभी संपर्क सड़क मार्गो की हालत खस्ता होने के कारण प्रतिदिन दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहने के साथ-साथ समय एवं धन की बर्बादी हो रही है। लंबे अरसे से सड़क मागरें की खस्ता हालत होने के कारण क्षेत्र के लोग परेशान हो चुके है। भाजपा सरकार की ओर से बिजली, सड़क जैसी गंभीर समस्याओं का निदान करने का आश्वासन लोगों को मिल रहा है। लेकिन लोगों का विश्वास धरातल पर काम होने के बाद ही बहाल हो पाएगा।
लोकनिर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता कृष्ण यादव का कहना है कि अभी किसी भी सड़क मार्ग की मरम्मत एवं बनाने के टेडर नहीं छोड़े है ना ही उनके पास किसी तरह का बजट आया है। वित्त वर्ष 2015-16 के अप्रैल माह से सड़क मार्गों पर कार्य आरभ होने की उन्होंने संभावनाएं जताई है।