बाटम: कल 25 बरस का युवा हो जाएगा रेवाड़ी
फोटो नंबर: 14 व 15 फ्लैग--हरियाणा के जन्मदिवस से जुड़ा है रेवाड़ी का जन्म, 1 नवंबर 1989 को अस्ति
फोटो नंबर: 14 व 15
फ्लैग--हरियाणा के जन्मदिवस से जुड़ा है रेवाड़ी का जन्म, 1 नवंबर 1989 को अस्तित्व में आया
-मिला विश्वविद्यालय, अधूरा है मेडिकल कालेज का सपना
-जिले में एमबीआईआर जैसी परियोजनाओं सिरे चढ़ाना चुनौती
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : शनिवार को जिस समय हम हरियाणा दिवस मनाएंगे तब हम रेवाड़ी का जन्मदिवस भी मनाएंगे, क्योंकि हरियाणा के जन्मदिवस 1 नवंबर को ही रेवाड़ी जिला भी अस्तित्व में आया था। फर्क सिर्फ ये है कि हरियाणा की उम्र जहां 48 वर्ष हो चुकी है, वहीं रेवाड़ी जिला बृहस्पतिवार को 25 वर्ष का युवा हो जाएगा।
25 वर्ष के युवा हो चुके जिले ने इस सफर में कई उतार-चढ़ाव देखे है। 24 की उम्र में जिले को सबसे बड़ी उपलब्धि इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के रूप में मिली, लेकिन मेडिकल कालेज मिलने का सपना अभी भी अधूरा है।
सपनों का शहर है रेवाड़ी
आज बेशक रेवाड़ी तुलनात्मक रूप से गुड़गांव से कुछ पीछे दिख रहा है, परंतु आने वाले समय में रेवाड़ी सपनों का शहर होगा। नोएडा की तर्ज पर मानेसर-बावल इंवेस्टमेंट रीजन (एमबीआईआर) नाम से रेवाड़ी में नया शहर बसाया जाएगा। यूपीए सरकार के समय ये योजना रफ्तार नहीं पकड़ पाई। हुड्डा सरकार भी भूमि अधिग्रहण के विरोध के कारण इस बारे में बेबस नजर आई थी, लेकिन पाइप लाइन में आ चुकी एमबीबाईआर जैसी इस बड़ी परियोजना पर जिले का भविष्य टिका है।
ढाई दशक की बड़ी उपलब्धिया
-औद्योगिक विस्तार। बावल को आइएमटी का दर्जा।
-ए-श्रणी का रेलवे जंक्शन। लाइनों की संख्या के हिसाब से उत्तर-पश्चिम रेलवे का सबसे बड़ा जंक्शन बना रेवाड़ी। रोहतक तक रेलमार्ग।
-इदिरा गाधी विश्वविद्यालय-मीरपुर।
-सैनिक स्कूल व केंद्रीय विद्यालय।
-देश का एक मात्र हेरीटेज लोको शेड।
-पुरुष साक्षरता में प्रदेश में सबसे आगे।
-रेवाड़ी जिला मुख्यालय, पाली, खरकड़ा, गुरावड़ा व कोसली में नए कालेज।
-रेवाड़ी शहर के लिए चारमार्गी परियोजना।
-कोसली विधानसभा क्षेत्र के गांव लूला अहीर में महिला विश्वविद्यालय का रीजनल सेंटर।
-कोसली विधानसभा क्षेत्र में राव बिरेंद्र सिंह इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नालाजी।
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पाइप लाइन में आ चुकी परियोजनाएं
-दिल्ली-मुंबई के बीच प्रस्तावित पश्चिमी रेल फ्रेट कारीडोर। रेवाड़ी के रास्ते बनने वाले इस कारीडोर पर काम चल रहा है।
-रेवाड़ी होते हुए अलवर-दिल्ली के बीच मेट्रो की तर्ज पर रीजनल रेपिड रेल ट्राजिट सिस्टम। कार्ययोजना पर अमल जारी।
-नोएडा की तर्ज पर रेवाड़ी में एमबीआईआर नाम का नया शहर बसाने की बड़ी परियोजना का ड्राफ्ट प्लान तैयार।
-बावल में प्रस्तावित मल्टी माडल लाजिस्टिक हब परियोजना को सिरे चढ़ाना।
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इनसेट :
खट्टर सरकार पर टिकी इन वादों की उम्मीद
-नहरी पानी का समान बंटवारा।
-एसवाईएल का निर्माण पूरा कराना।
-उपलब्ध नहरी पानी में बराबर हिस्सा।
-डार्क जोन घोषित हो चुके खोल में नहरी पानी पहुंचाना।
-सरकारी मेडिकल कालेज बनवाना।
-जिला मुख्यालय पर ब्वायज कालेज का निर्माण।
-लिंगानुपात की स्थिति में सुधार की चुनौती।
-रेवाड़ी को स्मार्ट सिटी बनाना।
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इनसेट :
सरकार की सबसे बड़ी दुविधा
एमबीआईआर यानी नया शहर तथा मल्टी माडल लाजिस्टिक हब जैसी परियोजना के लिए जमीन उपलब्ध कराना सबसे बड़ा चैलेंज है। भाजपा नेताओं ने चुनावों से पहले इन तमाम परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण का डटकर विरोध किया है। देखना ये है कि क्या ये परियोजनाएं अब ठंडे बस्ते में जाएगी या किसानों को संतुष्ट करते हुए भाजपा सरकार कोई रास्ता निकालेगी।