आस्था में स्वच्छता का नहीं रहा ध्यान
फोटो संख्या 06 -स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत का लोगो लगाएं -मन की पवित्रता के साथ साफ सफाई करना भूल ग
फोटो संख्या 06
-स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत का लोगो लगाएं
-मन की पवित्रता के साथ साफ सफाई करना भूल गए
-सभी लोग एक दूसरे को मुबारकबाद देते हुए चल दिए
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी :
वैसे तो छठ पर्व को आस्था और स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है। श्रद्धालु भी 'नहाय खाय,' 'खरना' के दौरान घर और घाट की सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखते हैं। साथ ही अस्ताचलगामी सूर्य और सूर्योदय पर भी नए कपड़े धारण करने के साथ लोग पवित्रता की सोच के साथ पूजा अर्चना करते हैं, लेकिन पूजा अर्चना समाप्त होने के बाद पूजा के बाद पूजा स्थल पर फैलाई गंदगी से मन की पवित्रता के साथ आसपास की साफ सफाई करना भूल गए। हालांकि लोगों का कहना है कि अभी कार्यक्रम का समापन हुआ है। जल्द ही साफ सफाई भी की जाएगी।
उत्तम नगर में शहर का बड़ा आयोजन था। यहां पिछले एक सप्ताह से कृत्रिम घाट बनाने, उसमें पानी भरने के बाद घाट के आसपास फूल, गुब्बारों और रंगोली से आकर्षक ढंग से सजाया हुआ था। बृहस्पतिवार को जैसे ही सूर्योदय हुआ व्रतियों ने अर्घ्य देने की प्रक्रिया समाप्त करने के साथ वहां मौजूद सभी लोग भी एक दूसरे को मुबारकबाद देते हुए अपने अपने घरों की ओर चल दिए। इस दौरान जिस पानी में खड़े होकर उन्होंने सूर्यदेव को अर्घ्य दिया वहां पूजा का सामान छोड़ दिया। इतना ही नहीं पूजा स्थल के आसपास भी फूल और गन्ने के पत्ते बिखरे पड़े थे।
चलाया जाएगा सफाई अभियान
इस संबंध में विभिन्न स्थानों पर आयोजित कार्यक्रम के सक्रिय लोगों का कहना है कि अभी छठ पर्व का समापन हुआ है। पिछले एक सप्ताह से लोग आयोजन को लेकर व्यस्त थे। रामेश्वर प्रसाद राय, रामसागर राय, रामप्रकाश शर्मा, चंद्रभान मौर्य, सुरेंद्र, घनश्याम कुमार यादव, मुकेश आदि का कहना है कि समापन के बाद वे अपने अपने काम में चले गए हैं। काम से लौटने के साथ सफाई अभियान भी की जाएगी।