साक्षात्कार : हथीन का पिछड़ापन दूर कराना प्राथमिकता : केहर
परिचय जन्म : पलवल जिले के गांव नांगल जाट में 7-2-1973 के दिन पिता चेतराम व माता मंगलिया देवी के घ
परिचय
जन्म : पलवल जिले के गांव नांगल जाट में 7-2-1973 के दिन पिता चेतराम व माता मंगलिया देवी के घर जन्म।
शिक्षा : बीए, बीएड, एमडी यूनिवर्सिटी रोहतक
राजनीतिक अनुभव : वर्ष 1991 छात्र संघ के चुनाव में होडल महाविद्यालय के प्रधान बन कर राजनीति में प्रवेश।
-वर्ष 1994 ब्लाक समिति हथीन के सदस्य, 2005 में जिला परिषद सदस्य बने।
-वर्ष 2009 में हथीन से इनेलो के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े और 21578 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे।
-वर्ष 2008 से 2013 तक इनेलो में हथीन हल्का प्रधान
रुचियां : लोगों के सुख-दुख में भागीदारी सुनिश्चित करना, जनता के काम कराने, अखबार पढ़ना, खेती के लिए समय निकालना।
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हथीन विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी ने जब इंडियन नेशनल लोकदल के प्रत्याशी केहर सिंह रावत को विजयी घोषित किया, तो युवा केहर सिंह की आंखों में खुशी के आंसू थे, हालांकि उनके चेहरे पर मुस्कान नहीं थी, पर एक जनप्रतिनिधि बनने का अहसास उन्हें भली भांति था। वर्ष 2009 के चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे केहर सिंह रावत ने अगले पांच वर्षो में लगातार मेहनत की और जनता का साथ लेकर हथीन क्षेत्र की समस्याओं को मुखर होकर उठाया। आखिरकार क्षेत्र की जनता ने इस बार उनके नाम पर मोहर लगा कर अपना विधायक चुन लिया। विजयी होने के बाद दैनिक जागरण संवाददाता सुशील भाटिया ने नवनिर्वाचित विधायक केहर सिंह रावत से संक्षिप्त बातचीत की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश : -
क्या आपको इस बार जीत की उम्मीद थी?
मैंने पिछला चुनाव हारने के बाद हार नहीं मानी और पांच वर्ष तक लगातार मेहनत की, कार्यकर्ताओं का साथ लिया और पिछड़ेपन के खिलाफ आवाज बुलंद की, संघर्ष किया। इसलिए मुझे अपने कर्म, जनता के विश्वास की बदौलत यह उम्मीद थी कि ईमानदारी से की गई मेहनत का फल जीत के रूप में देगी।
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जीत का श्रेय किसे देंगे
यह तो मेरी पूरी बिरादरी, कार्यकर्ताओं, परिजनों, आलाकमान क मेरे पर विश्वास की जीत है। मैं हथीन क्षेत्र की जनता के लिए उनका बच्चा हूं। हथीन की जनता ने नेता नहीं बल्कि बेटे को विधायक बनाया है। मैंने 76 दिनों में करीब साढ़े तीन हजार किलोमीटर तक चला। कार्यकर्ताओं ने पग-पग मेरा साथ दिया। इसलिए इसका श्रेय सभी को जाता है।
इस जीत से आपके चेहरे पर खुशी नहीं है, वजह?
यह ठीक है कि जीत खुशी देने वाली होती है, पर निश्चित रूप से मैं जीत से ज्यादा खुश नहीं हूं। मेरी पार्टी की सरकार बन जाती तो, खुशी जरूर होती, पर मैं अपनी क्षेत्र की जनता का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी उठाने लायक समझा।
इस जिम्मेदारी का किस तरह अहसास है आपको?
निश्चित रूप से अब मेरे कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी आन पड़ी है। मैं अपने क्षेत्र की हर वर्ग से जुड़ी समस्याओं से भली भांति वाकिफ हूं।
हथीन के पिछड़ेपन के क्या प्रमुख कारण हैं?
हथीन में न बिजली है, न पानी है। घोषणा के बावजूद आज तक उटावड़ में 66 केवी क्षमता वाला पावर सबस्टेशन का निर्माण नहीं हो पाया। स्वास्थ्य केंद्र तो हैं, पर उनमें न तो चिकित्सक हैं और न दवाईयां। ग्रामीण इलाज के लिए तरसते रहते हैं। हथीन कस्बा सीवर लाइन डालने के नाम पर खुदा पड़ा है, लोग पैदल तक नहीं निकल पाते। मेवात के गांवों में लोग रोजाना पानी खरीद कर पीने को विवश हैं। रोजगार के नाम पर लोगों को लूटा जा रहा है। यह प्रमुख कारण हैं, हथीन के पिछड़ेपन के। जनता बेहद दुखी है, इसलिए उन्होंने इस बार बदलाव के नाम पर वोट दिया है और मुझे जिम्मेदारी है।
आपके पास विकास के लिए क्या योजनाएं हैं ?
खेती के लिए नहरी पानी के लिए गुड़गांव कैनाल में बरसात के मौसम में पचास क्यूसिक पानी फालतू लेकर गौछी ड्रेन में डलवा कर पंप सेटों के माध्यम से छोटे रजवाहों में पानी उपलब्ध करवाएंगे और लड़माकी माइनर को पूरा करवाना मेरा उद्देश्य है। उटावड़ सबस्टेशन का निर्माण शुरू करवाना, युवाओं को खेलकूद में आगे बढ़ाने के लिए स्टेडियम बनवाना, कन्या शिक्षा के लिए महिला महाविद्यालय और अस्पतालों में चिकित्सकों की उपलब्धता, परिवहन व्यवस्था के लिए बस अड्डा में बसें उपलब्ध करवाना और हथीन बाइपास बनवाना मेरी प्राथमिकताओं में शामिल है।
पर आपके दल की सरकार तो बन नहीं रही, फिर काम कैसे कराएंगे?
मैं चुप बैठने वाला नहीं हूं। विधानसभा में हथीन के मुद्दों पर और पिछड़ेपन को दूर करवाने के लिए आवाज बुलंद करूंगा। सरकार किसी की भी हो, हथीन में काम कराने में पीछे नहीं हटूंगा।