शहरी साइलेंट मतदाताओं पर चला मोदी का मैजिक
-चुनाव के पहले और बाद में आया रुझान में काफी अंतर -इनेलो के पक्ष में शहर में पड़े कुल मतों के 50 प
-चुनाव के पहले और बाद में आया रुझान में काफी अंतर
-इनेलो के पक्ष में शहर में पड़े कुल मतों के 50 प्रतिशत वोट
रामचंद्र सैनी, नारनौल : नारनौल विधानसभा क्षेत्र की सीट पर शहरी साइलेंट मतदाताओं पर भी मोदी का मैजिक जमकर चला। मतदान से पहले नारनौल के शहरी मतदाताओं का झुकाव इनेलो प्रत्याशी के पक्ष में बताया जा रहा था। खुद भाजपा के प्रत्याशी के समर्थक भी इस बात से इंकार नहीं कर रहे थे। मतदान के बाद आंकड़ों के गणित में भी भाजपा प्रत्याशी के समर्थक शहर के 42 बूथों पर डाले गए 33274 मतों में से भाजपा के पक्ष में अधिकतम सात हजार वोट मानकर चल रहे थे, और इनेलो के पक्ष में शहर में पड़े कुल मतों के 50 प्रतिशत वोट यानी 16 से 17 हजार वोट लगाकर मुकाबला रोचक रहे थे। लेकिन मतगणना में जब शहर के बूथ खुले तो भाजपा की बल्ले-बल्ले हो गई।
नारनौल शहर के कुल 42 बूथों में पड़े कुल मतों में से भाजपा के ओमप्रकाश यादव एडीओ को 9167, इनेलो की कमलेश सैनी को 13 हजार 178, कांग्रेस के राव नरेंद्र सिंह को 2801 हजकां के रोशन लाल को 461, निर्दलीय सुरेश सैनी को 3632, किशन चौधरी को 1467 तथा संदीप यादव को 805 वोट मिले हैं।
निर्दलीय सुरेश ने बिगाड़ा सबका खेल:
गुडगांव से आकर नारनौल से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले सुरेश कुमार सैनी ने इनेलो व कांग्रेस के प्रत्याशियों के सारे समीकरण व खेल ही बिगाड़ दिया। सुरेश सैनी ने कुल 9497 वोट प्राप्त किए। इनमें से ग्रामीण क्षेत्र से 5825 वोट लेकर एक तरफ कांग्रेस के प्रत्याशी राव नरेंद्र सिंह के समीकरण बिगाड़ने मे तो दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र से 3672 मत लेकर इनेलो की कमलेश सैनी की हार का मुख्य कारण माना जा रहा है।