पंचायत ने कंपनी प्रबंधन के रवैये पर जताया रोष
-कंपनी व श्रमिक विवाद से दूर हुई पंचायत
-कंपनी प्रबंधन पर लगाया असहयोग का आरोप
जागरण संवाददाता,रेवाड़ी: बावल औद्योगिक क्षेत्र में स्थित विभिन्न कंपनियों में चल रहे श्रमिक-प्रबंधन विवाद में मध्यस्थता के लिए उतरे नौ गांवों के पंचायत प्रतिनिधियों ने कंपनी प्रबंधन पर असहयोग का आरोप लगाया है। पंचायत ने कहा है कि कंपनियों के इस रवैये की वजह से वह अब वार्ता के लिए कोई मध्यस्थता नहीं करेगी।
बृहस्पतिवार को गांव सुठाना स्थित शिव मंदिर में पंचायत प्रतिनिधियों तथा बावल औद्योगिक क्षेत्र के श्रमिक यूनियनों के पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि पंचायत की तरफ से श्रमिक-प्रबंधक विवाद के शंाति पूर्ण हल के लिए सभी प्रयास किए ताकि क्षेत्र में आने वाले उद्योग प्रभावित नहीं हो तथा उद्योगपतियों को भी परेशानी नहीं हो। पंचायत प्रतिनिधियों ने पंचायत ने इस दिशा में एक सार्थक पहल की थी जिसके बाद कर्मचारियों की ओर से 1 सितंबर को बावल औद्योगिक क्षेत्र के बंद का भी आह्वान वापस ले लिया गया था। पंचायत प्रतिनिधियों ने मध्यस्थता के लिए जब कंपनी प्रबंधन के अधिकारियों से बातचीत की तो उनका रवैया असहयोगात्मक रहा जिसकी वजह से विवाद का समाधान होना बेहद मुश्किल है। उन्होंने कहा कि अब पंचायत प्रतिनिधि इस मामले में कोई मध्यस्थता नहीं करेंगे और श्रमिक अपना किसी भी तरह से आंदोलन कर सकते हैं। बैठक में पूर्व सरपंच रामनाथ, चौधरी अभय सिंह, सुरेश सरपंच सुठाना, वेदप्रकाश, सुंदरलाल, बीरसिंह, महेंद्र सिंह बणीपुर, रामपाल खटाना, जयप्रकाश चिराहड़ा, सतीश कुमार मौजूद थे।