लीड : टैक्स लेने में आगे, काम में पीछे
-बड़ा मुद्दा:
-बावल विधानसभा क्षेत्र
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फोटो संख्या: 25,26,27,28 व 29
-बावल की नियमित कालोनियों में सुविधाओं का अभाव
-सीवर तथा सड़कों की हालत नहीं है ठीक
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : औद्योगिक हब कस्बा बावल लगातार विस्तार कर रहा है, लेकिन उसके मुकाबले यहां पर सुविधाएं उपलब्ध कराने में सरकारी एजेंसी पूरी तरह से नाकाम है। नियमित कालोनियों में भी सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। सरकारी तंत्र विकास शुल्क तो वसूल रहा है, लेकिन सुविधा उपलब्ध कराने के अपने कर्तव्य से पूरी तरह से विमुख है।
बावल कस्बे की आबादी 20 हजार से भी अधिक है। यहां पर नगर पालिका है। नियमित कालोनियों में आलम यह है कि अभी भी सीवर तथा सड़कों की हालत दुरुस्त नहीं है। सरकारी दावों के अनुसार तो सीवर का कार्य एक साल पहले ही पूरा हो चुका है, लेकिन धरातल पर अभी कई खामियां होने से लोगों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। ट्रीटमेंट प्लांट शुरू नहीं होने से अधिकांश सीवर ओवरफ्लो हैं, वहीं कइयों के चेंबर गलत ढंग से होने के कारण उनसे दुर्घटना का भी अंदेशा बना हुआ है। कई कालोनियों में पेयजल लाइन तक नहीं है, जिसकी वजह से यहां के लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ता है। सबसे बदतर हालत नगर पालिका के अधीन आने वाली सड़कों की बनी हुई है। सीवर लाइन बिछाने के दौरान अधिकांश सड़कों को तोड़ दिया गया, लेकिन उनको दुरुस्त करने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
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'सरकारी तंत्र का ध्यान केवल विकास शुल्क पर है सुविधाओं की उपलब्धता को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। औद्योगिक क्षेत्र होने के बाद भी कस्बा में बुनियादी सुविधाओं का अभाव बना हुआ है।'
-ओम प्रकाश, आढ़ती।
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'कस्बे में सीवर लाइन तो डाल दी गई, लेकिन वह अभी पूरी तरह से व्यवस्थित नहीं है। इसकी वजह से यह सुविधा परेशानी बन गई है। सीवर जाम की समस्या भी काफी गंभीर है तथा अन्य सुविधाओं का भी अभाव है।'
-रविंद्र कुमार।
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'कस्बे की मुख्य सड़कों की हालत इतनी बदतर है कि बारिश के दौरान बड़ी मात्रा में जलभराव हो जाता है। कालोनियों में सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है केवल विकास का शुल्क लिया जा रहा है।'
-जगदीश।
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'बावल औद्योगिक क्षेत्र होने के बाद भी यहां पर सुविधाओं पर किसी का ध्यान नहीं है। नगर पालिका की ओर से शुल्क तो लिया जा रहा है लेकिन सड़क व अन्य सुविधाओं की हालत बेहद खराब है।'
-नरेश कुमार।