बाटम : बस एक ही चर्चा कौन बनेगा विधायक
चौपाल की चर्चा:
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-कार्यालयों में भी रोज नए-नए कयासों का लगता है बाजार
-अपने-अपने स्तर पर नई सरकार की कर रहे भविष्यवाणी
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी :
जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे ही वैसे चर्चाओं का बाजार प्रतिदिन उतार चढ़ाव भरा होता जा रहा है। इन दिनों कहीं भी जाएं बस यही एक सवाल कौन बनेगा इस बार विधायक।
सभी जगह बस एक ही बात
इन दिनों कहीं भी जाएं वहां सिर्फ और सिर्फ राजनीति पर ही गपशप होती रहती है। गांव की चौपाल हो या शहर की मित्र मंडली। पहले सुबह-सुबह पार्को में घूमने आने वाले लोग सेहत और समसामयिक विषयों पर चर्चा करते थे, लेकिन इन दिनों हर कोई किस पार्टी के किस नेता को टिकट मिल रही है, आपका आकलन क्या कहता है, कौन बनेगा इस बार विधायक, किस आधार पर जीत का दावा कर सकते हैं, आदि विषयों पर घंटों चर्चा और गहमागहमी का दौर चलता रहता है। इस दौरान कितना समय निकल गया इसका भी ध्यान नहीं होता।
कार्यालयों में भी यही गपशप
सरकारी कार्यालयों में भी रोज नए-नए कयासों का बाजार लगता रहता है। हर कोई अपने-अपने स्तर पर नई सरकार की भविष्यवाणी कर रहा है तो कोई अपनी राजनीतिक मंशा जाहिर करते हुए पुराने मुद्दे और नई संभावनाओं पर तर्क और वितर्क देकर अपनी बात मनवाने का प्रयास कर रहा है। शेयर बाजार के उतार चढ़ाव की तरह अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच राजनीतिक समीकरणों पर पल-पल चर्चाओं का बाजार गर्म रहता है। अधिकारी और कर्मचारी नई बनने वाली सरकार से विभिन्न मुद्दों पर उम्मीद की आस लगाते हुए अपनी पसंद की पार्टी और प्रत्याशी के पक्ष में बहस कर रहे हैं तो कोई विगत दस सालों का लेखा-जोखा प्रस्तुत कर अपने नफा नुकसान का आकलन करने में लगे रहते हैं। सुबह-सुबह कार्यालय में पहुंचने का समय हो या फिर दोपहर को लंच का समय। जहां दो तीन लोग मिले वहीं चुनावी गपशप शुरू हो जाती है। कोई भी अपनी बात को कमतर नहीं आकना चाहता। अभी विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं, फिर भी दूसरे जिलों के प्रत्याशियों के आधार पर अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रत्याशी और जीत के अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं।