लीड : पोस्टर और होर्डिग से शहर को मिली मुक्ति
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आयोग का चाबुक:
-उपायुक्त ने नेताओं को दिए थे हटाने के निर्देश
-अमल न होने पर जिला प्रशासन ने की कार्रवाई
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : पिछले दिनों राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को बुलाकर दी गई जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की चेतावनी पर प्रशासन ने अमल शुरू कर दिया है। मंगलवार को बदरंग हो चुकी शहर की अधिकांश सड़कों से हजारों की संख्या में लगे होर्डिग व बैनर हटा दिये गये।
विधानसभा चुनाव के लिए आयोग की तैयारियों का असर अब नजर आने लग गया है। शहर की तमाम सड़कों का नजारा एक ही दिन में बदला हुआ नजर आ रहा है। हालांकि नेताओं ने कई दिनों तक प्रचार का लाभ हासिल करके अपना मकसद कुछ हद तक हल कर लिया।
टिकट के लिए लाइन में लगे विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं व चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे प्रत्याशियों के बीच जबरदस्त पोस्टर वार छिड़ा हुआ था। शहर की कोई सार्वजनिक जगह शेष नहीं बची थी, जहां नेताओं के पोस्टर व बैनर नजर नहीं आ रहे हों। पोस्टर वार में भाजपा नेताओं ने सभी दलों को पीछे छोड़ दिया था। इससे शहर की सुंदरता को भी पलीता लग रहा था।
मंगलवार को शहर में पोस्टरों को हटाने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया गया। गौरतलब है कि गत 27 अगस्त को जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त आरसी वर्मा द्वारा भी राजनीतिक दलों को आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले जगह-जगह लगे पोस्टरों को हटाने के निर्देश दिये थे, परंतु इन निर्देशों का किसी भी दल पर असर नजर नहीं आया। मंगलवार को खुद जिला प्रशासन आगे आया।
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निर्धारित स्थानों पर ही होगा प्रचार
चुनाव के दौरान जगह-जगह पोस्टर लगाने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। राजनीतिक दलों व उनके प्रत्याशियों चुनाव आयोग से अनुमति लेने के बाद ही निर्धारित की गई जगहों पर ही पोस्टर व बैनर लगा सकेंगे।
इनसेट:
ग्रामीण क्षेत्रों में भी जारी है होर्डिग वार
मंगलवार को व्यापक स्तर पर अभियान चला कर शहर को तो पोस्टर व बैनर से काफी हद तक मुक्त कर दिया गया, परंतु इस कार्रवाई से ग्रामीण क्षेत्र अभी भी अछूते हैं। गांवों की प्रमुख सड़कों पर अभी भी चुनाव से संबंधित पोस्टर व होर्डिग नजर आ रहे हैं। नेताओं द्वारा सड़क किनारे खड़े बिजली के खंभों व पेड़ों पर बड़ी संख्या में पोस्टर व बैनर लगाए गए हैं।