बाटम--भाजपा टिकट को लेकर एक अनार सौ बीमार की स्थिति
टिकट की टिक-टिक:
फोटो नंबर-21, 22, 23, 24, 25, 26,27, 28, 29
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फ्लैग-अटकलों में जी रहे हैं धुरंधर, सुबह किसी को तो शाम को दूसरे को थमा रहे हैं टिकट
-भाजपाई धुरंधरों को नाम तय करने में पसीना आ रहा है
-बड़े नेता संख्या तीन की बजाय आधा दर्जन से अधिक बता रहे
महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी : जिले की हाट सीट में शुमार रेवाड़ी विस सीट पर भाजपा की टिकट को लेकर एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति है। यहां चौपाल से लेकर गली-मोहल्ले तक केवल एक सवाल है-किसे मिल रहा है भाजपा टिकट? सटीक जवाब देना अभी जल्दबाजी है, क्योंकि भाजपाई धुरंधरों को नाम तय करने में पसीना आ रहा है। दूसरी ओर अटकलबाज सुबह किसी को तो शाम को किसी दूसरे को भाजपा का टिकट थमा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार भाजपा ने पैनल तैयार कर लिया है, लेकिन बड़े नेता हर किसी को संतुष्ट करने के लिए इसकी संख्या तीन की बजाय आधा दर्जन से भी अधिक बता रहे हैं। पूरा सच तो पार्टी जानती है, परंतु यहां चौपालों पर दिन में कई बार भाजपा की टिकट की सूची बदली जा रही है।
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दावेदार व उनके दावों का आधार
आरती राव
अहीरवाल के दिग्गज नेता स्व. राव बिरेंद्र सिंह की पौत्री तथा राव इंद्रजीत सिंह की बेटी हैं आरती। निशानेबाजी की अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी। दावे का बड़ा आधार-मजबूत पारिवारिक राजनीतिक पृष्ठभूमि।
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राव नरबीर सिंह
अहीरवाल के कद्दावर नेता स्व. राव मोहर सिंह के पौत्र है पूर्व मंत्री नरबीर। लोस चुनावों में गुड़गांव से दावेदार थे। राव इंद्रजीत के आने से टिकट नहीं मिली। नरबीर की पसंद रेवाड़ी की बजाय गुड़गांव व बादशाहपुर है, परंतु रेवाड़ी सीट पर भी उनका नाम चल चुका है।
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डा. सुधा यादव
पति सुखबीर के कारगिल में शहीद होने पर राजनीति में अचानक आना हुआ। पूर्व सांसद हैं। टिकट के दावे का आधार-लोकसभा में टिकट नहीं मिल पाई थी, इसलिए विस में हक माना जा रहा है। बादशाहपुर पहली पसंद है। पार्टी मौका दे तो रेवाड़ी से भी परहेज नहीं।
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रणधीर सिंह कापड़ीवास
निर्दलीय से राजनीति की शुरूआत। अब तक चार विधानसभा चुनाव लड़े। दो बार निर्दलीय व दो बार भाजपा से। जीत दूर रही। टिकट के लिए दावा इस आधार पर किया जा रहा है कि भाजपा जब कमजोर थी, तब वे पार्टी का झंडा उठाते थे।
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अरविंद यादव
लघु उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक है। टिकट पर दावे का आधार-काडर। रोहतक में पार्टी कार्यालय की स्थापना में सहयोग। टिकट चाहने वालों में सबसे पुराना व भाजपाई चेहरा। युवा व किसान मोर्चा सहित विभिन्न संगठनों में जिम्मा। हर चुनाव में गुजरात से लेकर विभिन्न राज्यों में एक-एक महीने तक जमीनी स्तर पर काम किया।
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सतीश खोला
हजकां के जिला प्रधान से राजनीति में प्रवेश। पहला विस चुनाव इनेलो की टिकट पर कोसली से लड़ा। सम्मानजनक मत हासिल किए, जीत दूर रही। तीन वर्ष पूर्व स्थायित्व की राजनीति के संकल्प के साथ भाजपा में एंट्री। सदस्य संख्या बढ़ाई। संगठन का ढांचा हर स्तर पर खड़ा किया। रेवाड़ी के अलावा कोसली से भी दावा है।
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सुनील यादव
राव के इंसाफ मंच से जुड़कर राजनीति की शुरूआत। रेवाड़ी के विकास का सपना। राव इंद्रजीत सिंह व उनकी बेटी आरती राव के बड़े-बडे़ होर्डिग व बैनर पूरे इलाके में लगवाये हैं। राव को सीएम के रूप में प्रोजेक्ट कर रहे हैं। टिकट के दावे का आधार, राव से नजदीकी।
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लक्ष्मण सिंह यादव
करीब एक दशक पहले इनेलो को अलविदा कहकर भाजपा में आये थे। तब से निष्ठापूर्वक भाजपा में। पिछली पारी में जिला प्रधान थे। संगठन के साथ नये लोगों को जोड़ा। टिकट के दावे का आधार-पूर्व सांसद डा. सुधा यादव से निकटता तथा पार्टी निष्ठा।
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अमित यादव
युवा इकाई के प्रदेश सचिव हैं। राजनीति में पदार्पण किये अधिक समय नहीं हुआ, लेकिन जब से आये हैं, तब से गांव-गली अपनी क्षमता के अनुसार समर्थक बढाने में जुटे हुए हैं।