Move to Jagran APP

हरितालिका तीज महोत्सव में दिखी सांस्कृतिक छटा

By Edited By: Published: Fri, 29 Aug 2014 04:20 PM (IST)Updated: Fri, 29 Aug 2014 04:20 PM (IST)
हरितालिका तीज महोत्सव में दिखी सांस्कृतिक छटा

-नेपाल की संस्कृति पर आधारित गीत, संगीत कीप्रस्तुति

loksabha election banner

-विभिन्न समसामयिक विषयों पर अपने विचार रखे

फोटो संख्या 01 व 19

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : यहां रह रहे नेपाली मूल के लोगों ने संस्कृति से जुड़ा हरितालिका तीज पूर्ण श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया। मूल प्रवाह अखिल भारत नेपाली एकता समाज महिला नगर समिति की ओर से बृहस्पतिवार शाम को सैनी धर्मशाला में हरितालिका तीज महोत्सव का आयोजन किया गया।

रेवाड़ी, धारूहेड़ा, बावल, खोल, नीमराना, भिवाड़ी आदि स्थानों से काफी संख्या में नेपाली महिला, पुरुष और बच्चों ने भाग लिया। समिति की अध्यक्ष शांति घिमिरे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की वहीं कोषाध्यक्ष रीता केसी के संचालन में महिलाओं ने नेपाल की संस्कृति पर आधारित गीत, संगीत के साथ नृत्य प्रस्तुत किए।

निरंतरता देने का भी आह्वान किया

नेपाली भाषा, संस्कृति और कला को प्रदर्शित करते हुए महिलाओं ने अपने माता पिता, भाई बहन और सहेलियों से दूर होने का दुख अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से व्यक्त किए। दूसरी ओर प्रवास में रहते हुए भी सामूहिक रूप से इस प्रकार के आयोजनों की भी सराहना करते हुए इसे निरंतरता देने का भी आह्वान किया।

शहीदों के सम्मान में एक मिनट का मौन

इससे पहले ज्ञात-अज्ञात शहीदों के सम्मान में एक मिनट का मौनधारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मूल प्रवाह अखिल भारत नेपाली एकता समाज क्षेत्रीय समिति के कोषाध्यक्ष तेजवीर, नगर अध्यक्ष विष्णु भंडारी, सदस्य जोग बहादुर, महिला समिति की क्षेत्रीय सदस्य सिता शर्मा आदि ने अपने संबोधन में नेपाल की वर्तमान परिवेश में राजनीतिक स्थिति, भारत में नेपालियों की समस्या, सितंबर में लखनऊ में आयोजित होने वाले अखिल भारतीय सम्मेलन की उपयोगिता और रेवाड़ी की जनता से अपेक्षाएं सहित विभिन्न समसामयिक विषयों पर अपने विचार रखे।

एकजुटता की भावना का पता चलता है

फुटबाल प्रशिक्षक जसवंत सिंह ने कहा कि जिले में आयोजित होने वाले ऐसे आयोजन से एकजुटता की भावना का पता चलता है। इसे निरंतरता देते रहना चाहिए।

लोकनृत्य कार्यक्रम से समां बांधां

सांस्कृतिक कार्यक्रम में महिलाओं ने व्रत रखते हुए भी स्वयं द्वारा रचित गीत, लोकगीत और लोकनृत्य प्रस्तुत कर करीब पांच घंटे तक कार्यक्रम में समां बांध दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.