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बढ़ रहा है बैडमिंटन का शौक

By Edited By: Published: Wed, 23 Jul 2014 04:00 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jul 2014 04:00 PM (IST)
बढ़ रहा है बैडमिंटन का शौक

फोटो संख्या-10

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-खेल का लोगो लगाएं

-लोगों ने इसे शौक के रूप में विकसित किया

-हर आयु वर्ग के लिए यह खेल एक शौक है

ज्ञान प्रसाद , रेवाड़ी : जिले में बैडमिंटन को लेकर लोगों के साथ बच्चों में भी शौक बढ़ने लगा है। कम जगह और थोड़े से अभ्यास करने से शारीरिक और मानसिक रूप से तरोताजा होने के लिए लोगों ने इस खेल को शौक के रूप में विकसित किया है। विभिन्न स्थानों पर विशेषकर पाश इलाकों में घरों और पार्को में देर शाम तक बैडमिंटन खेलने वालों की कमी नहीं है। हर आयु वर्ग के लिए यह खेल एक शौक के रूप में बढ़ता जा रहा है।

खिलाड़ियों ने भी कमाया नाम

पिछले एक-दो साल में जिले के खिलाड़ियों ने बैडमिंटन में न केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी कई उपलब्धियां हासिल की हैं। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर अभी इस खेल को बढ़ावा देने के लिये केवल बैडमिंटन कोर्ट का निर्माण किया गया है। लेकिन प्रशिक्षक नहीं होने और प्रशासन के बनाए नियम के चलते इन खिलाड़ियों को इस कोर्ट का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। जो उपलब्धियां हासिल की गई हैं, वह इन खिलाड़ियों के व्यक्तिगत प्रयास से संभव हो पाया है। खोरी के वैभव और ओमप्रकाश ने स्कूल खेलकूद मुकाबले में राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय स्थान प्राप्त कर जिले का नाम रोशन कर चुके हैं। वहीं रवि दूहन, विजय, हितेश, आशीष, लोकेश, हर्षित जैसे कई खिलाड़ी राज्य स्तर तक के आयोजित मुकाबलों में व्यक्तिगत और टीम के रूप में कई उपलब्धियां अपने नाम कर चुके हैं। एसडी हाइ स्कूल में बनाए बैडमिंटन कोर्ट में अभ्यास करते करते इन खिलाड़ियों ने उपलब्धियां हासिल की है।

स्टेडियम का नहीं मिल रहा लाभ

भले खेल विभाग की ओर से राव तुलाराम स्टेडियम में आधुनिक सुविधाओं से युक्त बैडमिंटन कोर्ट बनाया गया हो लेकिन इसका लाभ खिलाड़ियों को नहीं मिल पा रहा है। इस कोर्ट में आधुनिक किस्म का मैट लगने के बावजूद खिलाड़ियों को सिखाने के लिये प्रशिक्षक की कमी है। इसके अलावा इसके लिये जिला प्रशासन की ओर से निर्धारित किये मासिक शुल्क देना बच्चों के लिये संभव नहीं है। यही कारण है कि आधुनिक कोर्ट का सभी को लाभ नहीं मिल पा रहा है। यदि इसमें सुधार किया जाये तो न केवल नये खिलाड़ी उभरकर सामने आयेंगे बल्कि पुराने खिलाड़ियों को भी अभ्यास करने का उचित अवसर मिल सकेगा।

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स्टेडियम में आधुनिक सुविधाओं से युक्त बैडमिंटन कोर्ट बना हुआ है। जल्द ही बैडमिंटन का प्रशिक्षक भी नियुक्त कर दिया जायेगा। अभी कुछ ही लोग यहां अभ्यास करते हैं लेकिन जल्द ही बच्चों के लिये भी नियमित करने की योजना बनाई जा रही है। जो बच्चे मासिक शुल्क अधिक मानकर यहां अभ्यास करने नहीं आ रहे हैं यदि वे लिखित में अवगत करायें तो उपायुक्त से इस बारे में बातचीत की जा सकती है। आने वाले समय में बैडमिंटन को बढ़ावा देने के लिये योजना बनाई जायेगी।

-रमेश कुमार जांगड़ा, अधिकारी

जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग।


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