एंकर..बिजली संकट ने बढ़ा दी इनवर्टर की बिक्री
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : कुछ दिन के बिजली संकट ने इंवर्टर की बिक्री बढ़ा दी है। वैसे भी अब ग्राहकों का रुझान इंवर्टर की ओर बढ़ रहा है तथा इन्वर्टर परिवार की अहम जरूरत की सूची में शामिल हो चुका है।
जून व जुलाई में पड़ी भीषण गर्मी व देरी से सक्रिय हुए मानसून ने इस बार किसानों की चिंता बेशक बढ़ाई, परंतु इंवर्टर विक्रेताओं के लिए तो कमाने का सीजन साबित हुआ।
बदलते परिवेश में शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों की जीवन शैली में बदलाव आ रहा है। इंवर्टर आज दैनिक जीवन की जरूरत बन गया है। पिछले कुछ वर्षो के दौरान इंवर्टर बाजार में तेजी आई है। शहर ही नहीं, अपितु ग्रामीण क्षेत्रों में भी इंवर्टर की मांग तेजी से बढ़ रही है।
कुछ वर्षो तक जनरेटर को ही बिजली के विकल्प के रूप में माना जाता था। जनरेटर की कीमत अधिक होने तथा तेल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी के बजट के बाहर भी है। कुछ घंटों के लिए ही सही, परंतु इंवर्टर को अब बिजली का अच्छा विकल्प माना जा रहा है। बढ़ती मांग के कारण बैटरी इंवर्टर का बाजार शहरों से निकल कर ग्रामीण क्षेत्रों तक भी पहुंच गया है। व्यापारियों का भी मानना है कि आज हर दस में से कम से कम तीन घर में इंवर्टर है।
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रेट बढ़ने पर भी बिक्री बढ़ी
व्यापारियों का कहना है कि इंवर्टर को लेकर लोगों में काफी जागरूकता आई है। पहले लोगों को इसकी जानकारी नही थी, परंतु अब लोगों की लाइफ स्टाइल के रूप में इंवर्टर खरीदे जा रहे हैं। उनका मानना है कि बिजली जाने पर वे अब इसके आने का इंतजार नहीं करते। ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली की समस्या के चलते इंवर्टर की ओर अपना रूख कर रहे हैं। व्यापारियों के अनुसार उपभोक्ता ब्रांडेड कंपनियों के उत्पाद ज्यादा खरीदना पसंद कर रहे हैं। पिछले वर्षो की तुलना में इस बार विभिन्न कंपनियों के इंवर्टरों के रेट में पांच से दस फीसद की वृद्धि हुई है।
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'आज का उपभोक्ता काफी जागरूक हो गया है। बिजली न आने पर उससे संबंधित दैनिक कार्यो में व्यवधान नहीं आए, इसलिए भी इंवर्टर की मांग बढ़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों रात के समय बिजली न होने पर बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाती। बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसलिए भी अभिभावक इंवर्टर खरीद रहे हैं।'
-तनुज गुप्ता, उप प्रधान इंवर्टर एसोसिएशन, रेवाड़ी।
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'वैसे तो गर्मी में इंवर्टर की मांग ज्यादा बढ़ती है, लेकिन अब गर्मी और सर्दी दोनों सीजन में इसकी बराबर मांग रहती है। पिछले कुछ वर्षो के मुकाबले आज इंवर्टर की मांग अधिक है।'
-नरेश यादव, सचिव इंवर्टर एसोसिएशन, रेवाड़ी।