एंकर..हाथ मिले और मिट गई दूरियां
ज्ञान प्रसाद, रेवाड़ी : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से संबद्ध जिले के महाविद्यालयों में सोमवार से नए सत्र की शुरुआत हो गई। इसी के साथ महीनों बाद एक बार फिर से कालेजों में रौनक लौट आई है। साथ ही स्कूल बाउंड्री से कैंपस में कुलांचे भरने का छात्रों का सपना भी पूरा हो गया है। सत्र का पहला दिन कैंपस पहुंचे नए छात्रों के बीच आपसी जान-पहचान और मौज-मस्ती के नाम रहा। छात्रों ने कैंपस में घूमे और मौज-मस्ती की। कुछ छात्र अपनी कक्षाएं और टाइम टेबल देखने में ही व्यस्त रहे। प्रशासन की ओर से कक्षाओं के बाहर टाइम टेबल तो चस्पा किए गए, लेकिन ओरिएंटेशन प्रोग्राम नहीं हुआ। विश्वविद्यालय के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 16 जुलाई से कक्षाएं आरंभ होनी थी, लेकिन किसी भी महाविद्यालय में अभी तक नियमित कक्षाएं आरंभ नहीं हो पाई।
होठों पर मुस्कान और आंखों में दिखा उत्साह
स्कूल की सख्त अनुशासन वाली बाउंड्री से निकलकर पहली बार कालेज कैंपस में पहुंचे नए छात्रों के चेहरे पर इसकी खुशी नाच रही थी। उनके होठों पर मुस्कान और आंखों में उत्साह साफ झलक रहा था। यह इस बात का संकेत था कि आखिर उन्होंने कैंपस तक का अपना सफर पूरा कर लिया है। मौज-मस्ती के दिन आने वाले हैं। नए साथियों से मुलाकात होने वाली है। स्कूल मैनुअल के मुताबिक रोज एक ही ड्रेस कोड से मुक्ति मिलने वाली है। अभिभावक, शिक्षक और बस कंडक्टर की सख्ती से छुटकारा मिलने वाला है।
-----------
स्कूल के सख्त नियमों के तहत प्रतिदिन एक ही प्रकार की वर्दी पहनने से अब छुटकारा मिल गया है। कुछ पुराने सहपाठी साथ हैं तो अब नए सहपाठी भी बनेंगे। कक्षायें शुरू होने का बेसब्री से इंतजार है।
-दीक्षा चौहान, रेवाड़ी
---------
कालेज की बड़ी बड़ी कक्षायें, कैंटीन और खुला वातावरण सबकुछ नया नया लग रहा है। अब कक्षायें शुरू होंगी तो पता चलेगा कैसे होती है कालेज की पढ़ाई।
-शर्मिला, रेवाड़ी
---------------
स्कूल में हमेशा शिक्षकों का डर लगा रहता था। अब कालेज में कैसा माहौल होगा यह तो क्लास शुरू होने के बाद ही पता चलेगा। पहला दिन टाइम टेबल देखने के साथ अपनी कक्षायें ढूंढने में ही बीत गया।
-पूजा, हांसाका
-------------
नई कक्षायें, नया वातावरण और शिक्षक भी नये। जब से प्रवेश के लिये आवेदन किया तब से कई बार कालेज में आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। कक्षाएं शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं।
-मंजू बाला, रेवाड़ी
-----------------
कालेज में प्रवेश मिलने से काफी खुश हूं। अभी समय सारणी ही देख पाई हूं। नई कक्षा में पढ़ने को लेकर उत्साहित हूं। नये शिक्षक कैसे होंगे इसका कक्षाएं शुरू होने के बाद ही पता चलेगा।
-अन्नू, खड़गवास
-------------
स्कूल में मास्टरजी की डांट-डपट जैसी बातें शायद यहां देखने को नहीं मिलेंगी। लेकिन अब जिम्मेदारियां भी बढ़ गई हैं। अभी कक्षायें शुरू नहीं होने से थोड़ा निराश हूं। खैर कालेज के अपने-अपने नियम हैं।
-सतीश यादव, बावल।
-----------
कई दिनों से कालेज की कक्षाएं शुरू होने का इंतजार कर रहा हूं। पहले दिन केवल समय सारणी ही देख पाया हूं। अब कक्षाएं शुरू होने का इंतजार है। बस्ते की बोझ से छुटकारा मिलने से काफी राहत महसूस कर रहा हूं।
-प्रवीण, ढाणी कोलाणा।
--------
वर्दी पहनने की बाध्यता और भारी भरकम बस्ते का बोझ कम होने से काफी खुशी महसूस कर रहा हूं। कालेज की कैंटीन और नये साथियों का साथ, कई नई चीजें सीखने को मिलेंगी।
-गौरव यादव, रेवाड़ी।