भाषा के मर्म में जाकर जुड़ाव महसूस करे युवा : मो. शारीक
जागरण संवाददाता, पानीपत : एसडी कॉलेज में हरियाणा एक-हरियाणवी एक शीर्षक से सप्ताह भर चल
जागरण संवाददाता, पानीपत :
एसडी कॉलेज में हरियाणा एक-हरियाणवी एक शीर्षक से सप्ताह भर चले साहित्यिक महाकुंभ का समापन हो गया। अंतिम दिन राष्ट्र निर्माण में उर्दू साहित्य की भूमिका विषय पर संगोष्ठी हुई। करनाल जोन के इपीएफ कमिश्नर मो. शारिक मुख्य अतिथि रहे।
मुख्य अतिथि मोहम्मद शारिक ने कहा कि इंसान भाषा को खराब करता है, भाषा इंसान को कभी खराब नहीं करती। भाषा को उतना सम्मान दें, जितने की वह हकदार है। जो व्यक्ति भाषाओं का सम्मान करता है, उसे समाज में ऊंचा स्थान मिलता है। आज सोशल मीडिया में प्रयोग हो रही भाषा ठीक नहीं। इसे संस्कृति को बदलने की जरूरत है। किसी भाषा के मर्म में जाकर उससे जुड़ाव महसूस करें।
सोचने को मजबूर करता है श्रेष्ठ शिक्षक
आजमगढ़ शिबली अकादमी के निदेशक डॉ. इश्तियाक अहमद जिल्ली ने कहा कि अच्छा साहित्यकार बनने के लिए दिल में जो भी सवाल आए, उसे तुरंत लिख लें। जो शिक्षक सोचने को मजबूर करें, वही श्रेष्ठ अध्यापक है। वहीं शख्स तरक्की करता है, जो सवाल पूछता है। इस महाकुंभ से नई उम्मीद जगी है। उर्दू भाषा तहजीब का चश्मा है।
नवोदित लेखक हमदर्द मौलाना मुहम्मद अली ने कहा कि हिन्दुस्तान बहुत सी तहजीबों और संस्कृतियों का मुल्क है। यहां तकरीबन हर जुबान में पत्रकारिता होती है। उर्दू अकादमी के पूर्व संपादक डॉ. शम्स तबरेजी ने कहा कि हुनर हर विद्यार्थी में होता है लेकिन जो इसे समय रहते विकसित कर गया, वही जीवन में कामयाब होता है।
उल्लेखनीय है कि एसडी पीजी कॉलेज में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा प्रायोजित द्वितीय हरियाणा साहित्य उत्सव और पुस्तक मेले का 4 से 10 मार्च तक आयोजन हुआ। हर रोज नाटक, कवि सम्मेलन, डॉक्यूमेंट्री फिल्म, साग, विचार गोष्ठियां, कविता, कहानी, निबंध, उपन्यास, पेंटिंग, चित्रकला कार्यशालाएं, भाषण, विचार विमर्श हुए।
विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ: गोयल
कॉलेज प्रबंधन समिति के प्रधान दिनेश गोयल ने कहा कि इस उत्सव से विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। इससे समाज में भी नए संदेश और भाव का संचार होगा। प्राचार्य डॉ. अनुपम अरोड़ा ने कहा कि इस सप्ताह एसडी कॉलेज में शैक्षणिक एवं सास्कृतिक गतिविधियों के विविध आयाम और सामाजिक समरसता के नए भाव स्थापित हुए।
साहित्य प्रचार पताका उठाए युवा : रंजन
उत्सव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राजीव रंजन ने प्रदेश के युवा से साहित्य प्रचार की पताका उठाकर आगे बढ़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह आयोजन सार्थक तभी होगा जब युवा इसे अपने जिगर में उतारेगा। जो साहित्यिक धारा कॉलेज से निकली है। आने वाले समय में इसके लाभ समाज में दिखाई देंगे।