केएलएफ से जुड़ा है टुंडा का नाम, करनाल जेल भेजा
जागरण संवाददाता, पानीपत वर्ष 1997 में पानीपत बस स्टैंड पर निजी बस में हुए बम धमाके के आरोपी अब्
जागरण संवाददाता, पानीपत
वर्ष 1997 में पानीपत बस स्टैंड पर निजी बस में हुए बम धमाके के आरोपी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा को मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश वेद प्रकाश सिरोही की अदालत में पेश किया गया। वादी-प्रतिवादी दोनों पक्षों के वकीलों ने अदालत के समक्ष अपना-अपना पक्ष रखा। अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 1 दिसंबर सुनिश्चित की है। अदालत ने आतंकी टुंडा को गाजियाबाद की डासना जेल बजाय करनाल जेल भेजा है।
1 फरवरी 1997 की सांय करीब 5 बजे पानीपत बस स्टैंड में खड़ी एक निजी बस में बम धमाका हुआ था। ब्लास्ट में माडू नाम के एक किशोर की मौत हो गई थी, जबकि 10 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस मामले में लश्कर-ए-तैयबा से संबंध रखने वाले आतंकी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा का नाम आया था। मंगलवार को गाजियाबाद पुलिस टुंडा को डासना जेल से कड़ी सुरक्षा में लेकर करीब सवा दो बजे अदालत पहुंची। अदालत में टुंडा करीब आधा घंटा रहा। इस दौरान टुंडा पक्ष के वकील सुलतान सिंह खर्ब व दूसरे पक्ष के परीक्षित सिंह अहलावत ने अपनी-अपनी दलील कोर्ट समक्ष रखी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 1 दिसंबर मुकर्रर कर दी। इतना ही नहीं टुंडा को यूपी की डासना जेल नहीं, बल्कि करनाल जेल भेजा गया।
1 दिसंबर को ही सोनीपत की एक अदालत में भी टुंडा को पेश किया जाना है। आतंकी टुंडा के अदालत पहुंचने व करनाल जेल रवाना करने तक यूपी पुलिस व हरियाणा पुलिस पिछली तारीखों की तुलना में अधिक चौकस रही।
साबित नहीं कर सके : अब्दुल करीम उर्फ टुंडा पक्ष के वकील सुलतान सिंह खर्ब ने बताया कि इस केस में टुंडा साजिश रचने का आरोपी है। वादी पक्ष के वकील साजिश को अभी तक साबित नहीं कर सके हैं। बरामदगी भी कुछ नहीं हुई है। अदालत में हमारा पक्ष फिलहाल काफी मजबूत है।
टुंडा का नाम लिया था : वादी पक्ष के वकील परीक्षित अहलावत ने बताया कि दिल्ली में पकड़े गए पाक आतंकी ने पानीपत बम विस्फोट में टुंडा का नाम लिया था। 45 गवाह भी पेश किए जा चुके हैं। हमने अपना पक्ष मजबूती से रखा है। निर्णय अदालत को करना है।
टुंडा का सोनीपत लिंक :
अब्दुल करीम टुंडा पर सोनीपत में 28 दिसंबर, 1996 को डबल बम ब्लास्ट करने का आरोप है। पहला धमाका बस स्टैंड तराना सिनेमा के निकट व दूसरा धमाका गीता भवन चौक के पास हुआ था। धमाके में करीब एक दर्जन लोग घायल हुए थे। पुलिस ने इस संबंध में अब्दुल करीम टुंडा व उसके दो साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
सुरक्षा की दृष्टि से भेजा करनाल :
वादी-प्रतिवादी पक्ष के वकीलों की मानें तो यूपी के जिला गाजियाबाद पुलिस टुंडा को अदालत में पेश करने लाती रही है। कई तारीखों पर पुलिस टुंडा को पेश नहीं कर सकी। इधर, खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के आंतकी समेत आठ कैदियों को हथियारबंद बदमाशों द्वारा पंजाब की नाभा जेल से छुड़ाकर ले जाने की घटना के बाद संभव है कि अदालत ने टुंडा की पेशी को लेकर मंथन किया होगा।
केएलएफ से जुड़ा टुंडा का नाम : अब्दुल करीम उर्फ टुंडा मूल रूप से यूपी के जिला गाजियाबाद का निवासी है। वर्ष 1987 में आतंकी कश्मीरा ¨सह ने गाजियाबाद के अप्सरा बार्डर व शाहदरा में श्रृंखलाबद्ध विस्फोट हुए थे। विस्फोट में खुद घायल हुए कश्मीरा ने पुलिस को बताया था कि वह लंदन स्थित खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के इशारे पर करता है। विस्फोट के लिए बम टुंडा मुहैया कराता है। कई अन्य विस्फोटों में भी टुंडा का नाम पंजाब के आतंकियों से जोड़ा जाता रहा है।