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पहले दामाद, फि‍र बेटे को मार डाला, तस्‍वीरें देख सहम जाएंगे आप

सीएम का शहर है करनाल। पानीपत के साथ लगता हुआ। यहां हाईवे पर भी जिंदगी सुरक्षित नहीं है। बदमाशों ने रंजिश में दामाद के बेटे को मार डाला। बदमाशों के खिलाफ गवाह था बेटा।

By Edited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 02:05 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 08:53 PM (IST)
पहले दामाद, फि‍र बेटे को मार डाला, तस्‍वीरें देख सहम जाएंगे आप
पहले दामाद, फि‍र बेटे को मार डाला, तस्‍वीरें देख सहम जाएंगे आप

पानीपत, जेएनएन। हाईवे पर जिंदगी सुरक्षित नहीं है। बदमाश इतने बेखौफ हैं कि मुख्‍यमंत्री का जिला करनाल तक सेफ नहीं। हत्‍यारों ने पहले दामाद को मार डाला। इसके बाद उस परिवार के बेटे की सरेराह हत्‍या कर दी। ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। इस हत्‍याकांड का वीडियो भी सोशल मीडिया पर चल रहा है। हत्‍या के वक्‍त किसी ने मोबाइल फोन से यह वीडियो बना लिया था। हत्‍यारे आराम से फरार भी हो जाते हैं।

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करनाल में जीटी रोड पर ग्रीन वैली पंजाबी ढाबे के निकट कार सवार तीन बदमाशों ने डेयरी संचालक विकास को दिनदहाड़े गोलियों से भून डाला। दादूपुर का विकास उर्फ पिंटू अंजनथली रोड स्थित डेयरी पर जाने के लिए घर से कार में सवार होकर निकला। जीटी रोड पर पीछे से क्रेटा कार में सवार होकर आए तीन बदमाशों ने विकास की कार को ओवरटेक कर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। आरोपितों ने 10 राउंड फायर किए।

वारदात को अंजाम दे बदमाश फरार होने लगे तो उनकी क्रेटा कार अनियंत्रित हो नाले में जा गिरी। इसके बाद आरोपितों ने जीटी रोड पर पिस्तौल के बल पर रविंद्र नाम व्यक्ति से स्कूटी लूट ली। रविंद्र के साथ एक बुजुर्ग महिला भी थी। तीनों हमलावर स्कूटी छीन कर पधाना गांव की ओर फरार हो गए।रवींद्र और महिला ने स्कूटी लूटने की जानकारी उचानी के समीप पुलिस बूथ में तैनात राइडर को दी।

कई खोल बरामद हुए
जानकारी मिलने के तुरंत बाद हरकत में आए राइडरों ने आरोपितों का पीछा किया। उधर, वारदात की जानकारी मिलने के बाद एसपी सुरेंद्र सिंह भौरिया समेत कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। एफएसएल की टीम को भी बुलाया गया। एफएसएल की टीम ने मौके से गोलियों के कई खोल बरामद किए हैं। पुलिस ने बदमाशों की क्रेटा कार को बरामद कर लिया है। पुलिस ने शव को मर्चरी हाउस में भिजवा दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
vikas murder
विकास, फाइल फोटो

जीजा की हत्या के मुकदमे की कर रहा था पैरवी
पुलिस का कहना है कि विकास उर्फ पिंटू के जीजा अंजनथली के बबली की हत्या कृष्ण और जबरा ने कर दी थी। विकास उस मुकदमे की पैरवी कर रहा था। इसी के चलते विकास को गोलियों से भून डाला।
vikas father
विकास के पिता ने पूछे सवाल।

पुलिस की लापरवाही पर फिर क्यों ना पीडि़त पिता उंगली उठाए?
बबली हत्याकांड। 29 जुलाई। इससे ठीक छह माह बाद वीरवार को उसके साले विकास की हत्या। आरोप फिर जबरा और कृष्ण पर। हत्या करने का तरीका एक जैसा। सरेआम आए। तब तक गोली मारी जब तक की मौत न हो जाए। जबरा पुलिस की लिस्ट में मोस्ट वांटेड। ग्रामीण मेहर ङ्क्षसह ने बताया कि बबली हत्याकांड होने के छह माह बाद तक भी करनाल पुलिस आरोपित को पकडऩा तो दूर उनका सुराग तक लगाने में नाकामयाब है। मृतक विकास का पिता चीख-चीख पर पुलिस से सवाल पूछ रहा है। इस तरह से कैसे लोगों को सुरक्षा मिलेगी? कैसे लोग खुद को महफूज महसूस करेंगे। उनका यह भी आरोप है हत्याकांड के लिए जहां हत्यारे दोषी है, वहीं पुलिस भी कम जिम्मेदार नहीं है। बबली हत्याकांड के आरोपितों की खोज करने के लिए पुलिस ने कुछ  भी नहीं किया। यदि किया होता तो आज बदमाश कम से कम विकास की हत्या तो न कर पाते।

तीन वजह जिससे पुलिस की मुस्तैदी पर उठ रहे सवाल
1.हत्यारे की मौजूदगी का पता तक नहीं चला पुलिस को
बबली हत्याकांड के बाद भी पुलिस आरोपितों को पकडऩे में कामयाब नहीं हो सकी। आरोपितों की कई मामलों में पुलिस को तलाश है। इसके बाद भी वीरवार को आरोपित हाइवे पर कार से आते हैं। विकास का पीछा करते हैं। हाइवे पर जहां एक सेकेंड पांच वाहन गुजर रहे, वहां कार पर गोली चला विकास की कार रूकवाते हैं। फिर भीड़ के सामने गोली मारते हैं। हत्याकांड को अंजाम दे साफ बच निकलते हैं। मोस्ट वांटेड की मौजूदगी से लेकर फरार होने तक पुलिस का पता ही नहीं
2.हाइवे पर तैनात थे पुलिसकर्मी, फिर भी हत्यारे फरार  
हाईवे पर ही तरावड़ी में नए थाने का उद्धाटन हो रहा था। एडीजीपी नवदीप विर्क कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। इस वजह से हाईवे पर कई जगह  पुलिस कर्मी  तैनात थे। इतना होने के बाद भी न सिर्फ बदमाश वारदात को अंजाम दे गए, बल्कि साफ बच कर निकल भी गए। गुस्साए ग्रामीणों ने बताया कि इससे साफ पता चल रहा है कि हत्यारों को पुलिस का कतई भय नहीं था। ग्रामीण रामकुमार ने बताया कि पुलिस पर बदमाश भारी पड़ रहे हैं। यह घटना इसका बड़ा उदाहरण है।

3.न नाकाबंदी, न हत्यारों की तलाश की रणनीति
हत्याकांड के बाद बादमाश गांव में घिर गए थे, लेकिन तब राइडर कर्मियों के पास हथियार नहीं थे। बदमाशों ने हथियार दिखा पुलिसकर्मियों को धमका पधाना गांव की गलियों से भाग रहे थे। तभी उनकी स्कूटी फंस गई। बदमाश पैदल भाग निकले। वह पकड़े जा सकते थे, यदि पुलिस ठोस रणनीति अपनाती। लेकिन वारदात के बाद पुलिस ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस का न सिर्फ कम्यूनिकेशन सिस्टम बेहद कमजोर है बल्कि ऐसी वारदात से निपटने, आरोपियों को पकडऩे की भी कोई रणनीति नहीं है।

हत्यारे गोलियां मारते रहे तमाशबीन बनाते रहे वीडियो  
हत्यारों इतने बेखौफ थे कि उन्हें इस बात का भी डर नहीं था कि हाइवे पर भारी भीड़ जमा है। उन्होंने एक के बाद एक गोलियां चला विकास की हत्या कर दी। उस वक्त हाइवे थम गया। वाहन चालक वाहनों से बाहर आ गए। कुछ लोगों ने घटना की वीडियो बनाई। पुलिस के पहुंचने से पहले ही सोशल मीडिया पर यह वीडियो अपलोड भी हो गया था। वहां मौजूद एक भी व्यक्ति ने तो  पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया न ही बदमाशों को पकडऩे की कोशश की।
vikas murder jaam
लोगों ने लगाया जाम

गुस्से में रोड़ बिरादरी, सोशल मीडिया पर जताया रोष
बबली और विकास दोनो ही रोड बिरादरी से है। विकास की हत्या के बाद रोड बिरादरी से गहरा रोष जताया है। सोशल मीडिया पर उन्होंने जम कर घटना की निंदा की है। इसके लिए सरकार और प्रशासन की भी जम कर आलोचना की है। बिरादरी के लोगों का कहना है कि बदमाश उनके बच्चों को गोलियों का निशाना बना रहे हैं, लेकिन पुलिस चुपचाप तमाशा देख रही है।
vikas murder case
एक्टिवा पर फरार हुए।

हत्याकांड की कहानी वक्त की जुबानी...
हाईवे पर बदमाशों ने पहले विकास की कार को ओवरटेक किया। कोशिश की कि कार के टायर पर गोली मारे। बचने के लिए विकास ने गाड़ी ढाबे की तरफ मोड़ी, लेकिन गाड़ी भगा नहीं पाया। तब तक बदमाशों ने उस पर ताबड़ तोड़ फायर कर दिए। एक गोली विकास को लगी। तब बदमाश अपनी कार से उतरकर विकास की कार के नजदीक आए और 12 फायर किए। इनमें पांच गोलियां विकास को लगीं।

समय... 11:32
वारदात के दो मिनट बाद ही बदमाश अपनी कार की ओर लपके। लेकिन गाड़ी निकाल नहीं पाए, घबराहट में उनकी कार पास के नाले में फंस गई। इस पर तीनों बदमाशों ने अपनी कार से छलांग लगा सड़क पर खड़े एक युवक व बुजुर्ग महिला की स्कूटी छीनी, उसी पर सवार होकर भाग निकले।

समय... 11:40
वारदात स्थल से भाग बदमाश तरावड़ी की तरफ गए, यहां तरावड़ी फ्लाईओवर के पास ड्यूटी दे रहे दो ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने इनका पीछा करना शुरू कर दिया। उन्हें बदमाशों की जानकारी स्कूटी के मालिक ने दी थी, क्योंकि स्कूटी छीन जाने के बाद वें भी बदमाशों का पीछा कर रहे थे। काफी दूरी तक पुलिसकर्मियों ने भी राइडर बाइक से उनका पीछा किया। लेकिन बदमाशों ने पुलिस को चकमा देकर निकलने में सफलता पाई।

गली में बदमाश घिरे तो निकाली रिवाल्वर
हुआ यूं कि जब बदमाशों का पीछा करते हुए दोनों ट्रैफिक पुलिसकर्मी सुखदेव और मनीष पधाना गांव तक पहुंच गए। रास्ता न पता होने के कारण बदमाश एक बंद गली में घुस गए, लेकिन यहां दोनों पुलिसकर्मी उन्हें दबोचने के बजाय उनका बंधक बन कर रह गए। क्योंकि ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के पास सिवाए वीटी सेट के कुछ नहीं था। जबकि बदमाश अपने हाथ में रिवाल्वर लिए हुए थे। यहां अपना बचाव करते हुए बदमाशों ने रिवाल्वर पुलिस के आगे तान दिया। बदमाशों ने उनसे राइडर बाइक की चाबी व वीटी सेट भी छीन लिया।

फिर भी नहीं हारी पुलिस ने हिम्मत
बदमाशों ने रिवाल्वर की नोक पर पुलिस की बाइक की चाबी तो छीन ली। लेकिन ये उनके ध्यान में नहीं रहा कि पुलिस की बाइक तो स्टार्ट ही है। ऐसे में बिना हिम्मत हारे दोनों पुलिसकर्मियों ने फिर से उनका पीछा किया।

...तो बदमाश निकल गए खेतों के रास्ते
पधाना गांव से निकल बदमाश स्कूटी से शमशान घाट रोड तक पहुंचे, यहां आगे रास्ता बंद था। तो उन्होंने खेतों में स्कूटी छोड़, पैदल भाग निकले। यहां पुलिस छीनी हुई स्कूटी ले लौट आई।

vikas family murder

विरोध जताने पहुंची महिला।
परिवार में कोई जिंदा बचेगा तो इंसाफ दोगे ना
बबली जिनकी 29 जुलाई को इसी तरह से हत्या कर दी थी। उसकी पत्नी सुमन को जब पुलिस कर्मियों ने आश्वासन देना चाहा कि इंसाफ मिलेगा तो उसका दर्द कुछ यूं था। भाई विकास की मौत के बाद वह भी हाईवे पर विरोध जताने पहुंची थी।


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