थर्मल से 19 लाख की तार चोरी का मामला सीएम तक पहुंचा
संवाद सूत्र, थर्मल (पानीपत): पानीपत थर्मल पावर स्टेशन से चार हजार मीटर ताबे की केबल तार चोरी के
संवाद सूत्र, थर्मल (पानीपत): पानीपत थर्मल पावर स्टेशन से चार हजार मीटर ताबे की केबल तार चोरी के मामले को दबाए रखने वाले थर्मल प्रशासन ने अब आनन-फानन चार अधिकारियों की सीआइएसएफ के साथ टीम गठित कर दी है। एक अधिकारी ने बताया कि तार चोरी का मामला मुख्यमंत्री मनोहर लाल के संज्ञान में आ चुका है, इसलिए पावर स्टेशन में हड़कंप मचा है। जल्द ही इस मामले की जांच के लिए एमडी स्तर के अधिकारी थर्मल आ सकते हैं। वहीं थर्मल चौकी पुलिस तार चोरी मामले में एक संदिग्ध युवक से पूछताछ कर रही है।
पानीपत थर्मल पावर स्टेशन की यूनिट नंबर 1 से 4 तक को प्रदेश सरकार ने कंडम घोषित कर हमेशा के लिए बंद कर उस रास्ते को सील करवा रखा है। यहां से गत 7 जुलाई की रात को चार हजार मीटर तांबे की तार चोरी कर ली गई। तार की कीमत 18.80 लाख रुपये है। थर्मल में लगे सीसीटीवी कैमरे में पांच संदिग्ध युवक दिखाए दिए थे। थर्मल प्रशासन ने मामले को दबाए रखा। बाद में यूनियन ने विरोध किया तो थर्मल चौकी में मामला दर्ज करा दिया गया। इस मामले में सीआइएसएफ के एक जवान को सस्पेंड कर दिया गया।
पहले डाला परदा, अब बता रहें हैं चोरों की तस्वीर मिली है : तांबे की तार चोरी होने के मामले में जहां पहले थर्मल के अधिकारी परदा डालने का प्रयास करते रहे, अब मामला उजागर हुआ तो वही अधिकारी बता रहे हैं कि तांबे की तार चोरी करने वाले चोरों की तस्वीर सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। पुलिस जल्द ही चोरों को पकड़ लेगी। इस मामले में अगर थर्मल का कोई अधिकारी व कर्मचारी शामिल है तो वह भी लपेटे में आएगा।
टीम मामले की जांच में जुटी : पानीपत थर्मल पावर स्टेशन के मुख्य अभियंता सतीश कुवार वधवा ने बताया कि तांबे की तार चोरी के मामले की जांच के लिए उच्च अधिकारियों की टीम गठित कर दी है। यह टीम पता लगाएगी कि तार कैसे चोरी हुई। वहीं सीआइएसएफ के डिप्टी कमांडेंट सुभाष तेवतिया ने बताया कि सुरक्षा बल के उच्च स्तर अधिकारी थर्मल प्रशासन के साथ मामले की जांच कर रहे हैं। जल्द ही मामले का पटाक्षेप होगा।
पांच साल से घोटालों की सिर्फ जांच, नहीं हुई कार्रवाई: मान
हरियाणा बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन प्रदेश महामंत्री जयबीर मान का दावा है कि थर्मल में गैस लीकेज, चोरी के कई मामले, घटिया लकड़ी का उपयोग, बिना जरूरत के करोड़ो के सामान की खरीद, सफाई ठेकेदार घोटाला और भवन निर्माण घोटाले की पांच साल से सिर्फ जांच चल रही है। इनमें कार्रवाई के नाम पर लीपापोती कर दी गई है। अगर मामले की स्वतंत्र एजेंसी से जाच कराएं तो थर्मल के कई बड़े अधिकारी व ठेकेदार इसके लपेटे में आएंगे। इसी कारण जान बुझकर मामले को लटकाया जा रहा है।
चोरों की तलाश में पुलिस की दो टीमें लगी : थर्मल पावर स्टेशन में तांबे की तार चोरी मामले की जांच की जा रही है कि तार कैसे चोरी हुआ। इसमें कौन-कौन लोग, थर्मल के अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं। चोरी के संदिग्ध युवकों की तलाश में थर्मल व आसपास क्षेत्र में मतलौडा थाना व सीआइए-2 पुलिस की टीम छापामारी कर रही है। एक संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है। शहर के बड़े कबाड़ियों से भी पूछताछ की जा रही है। कहीं उनके यहां तो तांबे का तार नहीं बेचा गया है।