पिता का सपना जिया, बेटों ने कुश्ती में जीता सोना
जागरण संवाददाता, पानीपत: कुराना गांव के भीम सिंह खुद चाहे बड़े पहलवान नहीं बन सके, पर उनके
जागरण संवाददाता, पानीपत: कुराना गांव के भीम सिंह खुद चाहे बड़े पहलवान नहीं बन सके, पर उनके बेटों ने उनका सपना पूरा किया है। बड़ा बेटा सोनू ग्रीको रोमन का अंतरराष्ट्रीय पहलवान है। अब छोटे बेटे मोनू ने भी 76 किलोग्राम में रोहतक में हुई हरियाणा राज्य जूनियर कैडेट ग्रीको कुश्ती प्रतियोगिता में झज्जर, रोहतक और जींद के पहलवानों को धूल चटाकर स्वर्ण पदक जीत लिया है।
इससे अभिभूत भीम सिंह कहते हैं कि पिता हरिसिंह पहलवान थे। उसने भी कुछ दिन कुश्ती खेली और सपना देखा था कि जिला व राज्य स्तर पर पदक जीतूंगा। ऐसा नहीं हो पाया। इसका मलाल था। अब बड़े बेटे की तरह छोटे मोनू ने भी स्वर्ण पदक जीतकर उसके सपने का साकार कर दिया है। मोनू का प्रदेश की टीम में चयन हो गया और वे राष्ट्रीय कैडेट कुश्ती प्रतियोगिता में खेलेगा।।
भाई को देख वुशू छोड़ अपनाई कुश्ती : मोनू ने बताया कि उसने खरखौदा के प्रताप स्कूल में चार साल पहले वुशू खेलना शुरू किया। राष्ट्रीय सब जूनियर व जूनियर वुशू चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते। भाई सोनू ने कुश्ती में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता। तभी से उसने वुशू छोड़ कुश्ती को अपना लिया। कोच ओमप्रकाश दहिया और सुनील हुड्डा से कुश्ती के गुर सीखे और सफलता मिली। मोनू ने अपनी सफलता का श्रेय दोनों कोच, पिता भीम सिंह, भाई सोनू व मां बिमला देवी को दिया है।