एक झटके में लखपति बनाने के लिए किया था सिद्धार्थ का अपहरण
फालोअप.. -मास्टरमाइंड मोनू ने 14 को दोस्तों के साथ मिलकर लिखी थी सिद्धार्थ के अपहरण की पटकथा
फालोअप..
-मास्टरमाइंड मोनू ने 14 को दोस्तों के साथ मिलकर लिखी थी सिद्धार्थ के अपहरण की पटकथा
-पुलिस मोनू व सोनू की तलाश में दिल्ली, हरिद्वार सहित ठिकानों पर छापामारी कर रही है
जागरण संवाददाता, पानीपत: आइओसीएल रिफाइनरी के प्रोडक्शन इंजीनियर वैभंव मीणा के छोटे इंजीनियर भाई सिद्धार्थ मीणा के अपहरण की पटकथा 14 अक्टूबर को शेखपुरा खालसा गांव के मोनू ने अपने दोस्त गांव के ही सुरेश उर्फ सोनू और सोनू के साथ मिलकर लिखी। पहले तीनों ने जमकर शराब पी। फिर मोनू ने कहा कि रुपयों की खनक नहीं है। इससे उनकी जिंदगी में स्वाद नहीं है। राजमिस्त्री सुरेश ने कहा कि दोस्त ऐसा काम करवा दे कि एक झटके में लखपति बन जाए। रुपयों की दिक्कत नहीं होगी। ठाठ से रहेंगे। मोनू ने बताया कि रिफाइनरी के किसी अधिकारी या उनके पास टाउनशिप में आने वाले रिश्तेदार को अपहरण कर लेते हैं। फिरौती से जो राशि मिलेगी उसे तीनों के अलावा सोनू के मामा के लड़के साहिदपुर निवासी संजय में बराबर बांट लेंगे। मोनू, सोनू व सुरेश ने दो दिन तक रिफाइनरी टाउनशिप में रेकी की और फिर 16 अक्टूबर को चाकू की नोक पर सिद्धार्थ का अपहरण करके छह लाख रुपये की फिरौती मांग ली। सुरेश ने फोन कर सिद्धार्थ के पिता हेमराज मीणा से फिरौती मांगी। वह ही धमकी दे रहा था। पुलिस की छह टीमों ने 19 अक्टूबर की सुबह अपहृत सिद्धार्थ को झज्जर के माछरौली के खेत से छुड़ा लिया और आरोपी सुरेश उर्फ सोनू को गिरफ्तार किया। इस मामले की पुलिस जांच कर रही है सीआइए-2 पुलिस ने आरोपी सुरेश को अदालत में पेश किया, जहां से उसे सात दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। सीआइए-2 प्रभारी मनोज वर्मा ने बताया कि रिमांड के दौरान आरोपी सुरेश को साथ लेकर आरोपी मोनू व सोनू के दिल्ली, हरिद्वार, जयपुर, उत्तर प्रदेश व अन्य ठिकानों को और बाइक को बरामद किया जाएगा। वारदात में इस्तेमाल चाकू मोनू का था।
मोनू के काम आई गार्डो से दोस्ती
सिद्धार्थ अपहरणकांड के मास्टरमाइंड मोनू पर चोरी के मामले दर्ज हैं। मोनू रिफाइनरी के एक अधिकारी की गाड़ी चलाता था। तभी से उसकी रिफाइनरी टाउनशिप के गार्डो से दोस्ती थी। इसी वजह से 16 अक्टूबर की रात को भी गार्डो ने मोनू की गाड़ी अंदर जाने दी। बाहर निकलते उसे टोका नहीं। इसी वजह से वे आसानी से सिद्धार्थ का अपहरण करके ले गए।
खेत में सिद्धार्थ को उल्टा लेटाकर रखा
अपहर्ताओं ने सिद्धार्थ को खेत में उल्टा कर लेटा रखा था। ताकि वह शोर न मचा सके। साथ में उसे धमकी दे रखी थी कि अगर शोर मचाया तो तुरंत गोली मार देंगे। मोनू व सोनू सिद्धार्थ की निगरानी रख रहे थे। सुरेश व संजय इधर-उधर चौकसी रखे हुए थे। पुलिसकर्मी दो से पांच किलोमीटर के क्षेत्र में खेतों में छिपे हुए थे और अपहर्ताओं की हर गतिविधि पर नजर रखे हुए थे। यह सफलता चौकी पुलिस के कारण भी मिली।
पुलिस को पहले अपहरण का नहीं हुआ विश्वास
इंजीनियर वैभंव मीणा डेढ़ महीने की लीव पर थे। वे भी दिल्ली में सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे थे। वैभव के कमरे में उसका दोस्त उत्तराखंड निवासी जयभगवान रहता था। 16 अक्टूबर को जयभगवान दोस्त की पार्टी में चला गया। सिद्धार्थ कमरे में अकेला था। जयभगवान रात एक बजे कमरे पर पहुंचा तो ताला लगा मिला। इसके बाद उसने वैभव को सूचना दी, लेकिन सिद्धार्थ का भेद नहीं था। पुलिस को पहले सिद्धार्थ के अपहरण का विश्वास नहीं हुआ, क्योंकि मेस के बावर्ची व अन्य कई युवकों ने दावा किया था कि उन्होंने सिद्धार्थ को मेस में देखा था। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे खंगाले, लेकिन उसमें भी सिद्धार्थ दिखाई नहीं दिया। जब सिद्धार्थ की फिरौती की बदमाशों ने मांग की तभी पुलिस को घटना पर विश्वास हुआ।
जयपुर लौट गया गया सिद्धार्थ
अपहरण की वारदात से सिद्धार्थ घबराया हुआ है। वह बृहस्पतिवार को जयपुर लौट गया। पिता हेमराज ने बताया कि अब सिद्धार्थ जयपुर में आइएएस की तैयारी करेगा। वह फिर कभी टाउनशिप नहीं आएगा। बेटे को समझा चुका हूं कि बुरे दिन खत्म हो गए हैं। अब वह पढ़ाई पर ध्यान दे।
सिक्योरिटी अधिकारी को देंगे नोटिस
सिद्धार्थ के अपहरणकांड के बाद रिफाइनरी टाउनशिप की सुरक्षा पर सवाल है। इतनी चौकसी होने के बाद अपहरण की घटना हो जाने से पुलिस भी सकते में हैं। मतलौडा थाना प्रभारी धर्मवीर खर्ब का कहना है कि 16 अक्टूबर को टाउनशिप की सुरक्षा की जिन गार्ड की जिम्मेदारी थी, उन्हें नोटिस दिया जाएगा। उनसे पूछताछ भी की जाएगी। सुरक्षा को लेकर रिफाइनरी अधिकारियों के साथ भी जल्द बैठक की जाएगी ताकि भविष्य में सुरक्षा में ऐसी चूक न हो।