Move to Jagran APP

बच्चों को छोड़ने गए तो बंद मिला शेल्टर होम, फोन किया तो बहाना वैशाखी का

जागरण संवाददाता, पानीपत : हुडा सेक्टर 6 स्थित एक शेल्टर होम में दो बच्चों को छोड़ने ग

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Apr 2017 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 14 Apr 2017 03:01 AM (IST)
बच्चों को छोड़ने गए तो बंद मिला शेल्टर होम, फोन किया तो बहाना वैशाखी का
बच्चों को छोड़ने गए तो बंद मिला शेल्टर होम, फोन किया तो बहाना वैशाखी का

जागरण संवाददाता, पानीपत :

loksabha election banner

हुडा सेक्टर 6 स्थित एक शेल्टर होम में दो बच्चों को छोड़ने गई सीडब्ल्यूसी टीम गेट पर ताला देख हैरान रह गई। चेयरपर्सन सुमन सूद ने फोन किया तो इंचार्ज ने वैशाखी की छुट्टी होने का कहना बना दिया। बता दें कि शेल्टर होम पर 24 घंटे किसी न किसी की ड्यूटी अनिवार्य रूप से होती है।

बाल संरक्षण समिति की टीम बृहस्पतिवार को मॉडल टाउन पुलिस को मिले दो बच्चों को लेकर सेक्टर 6 स्थित ओपन शेल्टर होम पहुंची। यहां गेट पर ताला मिला। समिति की चेयरपर्सन सुमद सूद ने फोन कर पता किया तो प्रभारी ने बहाना बनाया कि सरकार ने वैशाखी की छुट्टी घोषित कर रखी है। चेयरपर्सन इस बात पर नाराज होकर फोन पर ही फटकार लगाने लगीं। तत्काल शेल्टर होम खोलने के निर्देश दिए। साथ ही उनसे छुट्टियों की सूची भी मांगी।

8 मरला शेल्टर होम भेजे दोनों बच्चे

चेयरपर्सन ने बताया कि मॉडल टाउन थाना पुलिस को मिले दो बच्चे यहां छोड़ने आए थे। केंद्र बंद पाए जाने पर उन्हें 8 मरला कॉलोनी स्थित सृष्टि शेल्टर होम छोड़ा गया। इससे पहले ओपन शेल्टर होम में तीन बच्चे थे इनमें से दो को शिवनगर भेज दिया गया था। वहीं एक बच्ची को सौंधापुर अनाथालय भेजा गया था।

हरियाणा सरकार द्वारा संचालित है शेल्टर होम

हुडा सेक्टर 6 में किराए के मकान में प्रथम तल पर चल रहा ओपन शेल्टर होम महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा संचालित है। सरकार की ओर से खर्च भी दिया जाता है।

मिशन स्माइल के बच्चे शेल्टर होम में

बाल संरक्षण समिति की चेयरपर्सन सुमन सूद ने बताया कि मां-बाप से बिछुड़े बच्चों को ढूंढ़ने के लिए मिशन स्माइल चलाया जा रहा है। इसके तहत मिले बच्चों को ओपन शेल्टर होम में छोड़ा जाता है। मां-बाप मिलने तक बच्चे इन्हीं शेल्टर होम में रहते हैं।

बंद नहीं रह सकता शेल्टर होम:

नियमानुसार कोई शेल्टर होम किसी भी समय बंद नहीं रह सकता। बच्चे न होने की स्थिति में भी केंद्र में कोई न कोई होना चाहिए। सरकार की ओर से शेल्टर होम को फर्नीचर, इमारत का किराया, बिजली, पानी का बिल, टेलीफोन, स्टेशनरी, यातायात शुल्क और अन्य शुल्क का भुगतान किया जाता है।

वर्जन :

शेल्टर होम छुट्टी के दिन बंद नहीं रह सकता। ओपन शेल्टर होम संचालक को निर्देश दे दिए हैं। छुट्टियों की सूची भी मांगी गई है। सरकारी ग्रांट का दुरुपयोग किए जाने की आशंका से खातों और खर्च की जांच की जाएगी।

सुमन सूद,

चेयरपर्सन, बाल संरक्षण समिति।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.