आठ करोड़ का बिजली बिल भेज दिया, उद्यमी के उड़ गए होश
25 से 30 हजार से ज्यादा का कभी बिल नहीं आया। निगम के बार-बार चक्कर लगाने पर भी नहीं हुआ बिल ठीक। निगम के एमडी का दावा हुआ फेल। पानीपत में लोग हो रहे परेशान।
पानीपत, जेएनएन। बिजली निगम के कारनामों ने लोगों के होश उड़ा दिए हैं। लाख, दो लाख का बिल पहले गलत भेजते थे। अब तो करोड़ों में बात पहुंच गई है। बिजली वितरण निगम ने जाटल रोड पर एक उद्यमी को 8 करोड़ रुपये का बिजली का बिल थमा दिया। एक महीने से उद्यमी बिल ठीक करवाने के लिए निगम के चक्कर लगा रहा है। निगम के अधिकारियों ने उसे आश्वासन दिया कि अगला बिल ठीक होकर आ जाएगा। अगले महीने बिल ठीक करने की बजाय उनको बिल और बढ़ाकर दे दिया।
जाटल रोड पर रजनीश गुप्ता ने भगवती टेक्सटाइल के नाम से टेक्सटाइल इंडस्ट्री लगा रखी है। इसमें शटललैस पर कपड़ा बनता है। गुप्ता ने बताया कि कोरोबॉक्स पैकर्स के नाम से उनका उद्योग लगा हुआ था, जो बंद हो चुका है। इसी नाम से कनेक्शन है। औसतन 20-25 हजार रुपये की बिजली का बिल उनका आता था। आठ करोड़ बिल कैसे भरें।
रीडिंग कैसे इतनी लिख दी
बिल में रीडिंग गलत लिखी हुई है। बिल ठीक करवाने के लिए बिजली निगम में गए। वहां जेई ने कहा एसडीओ ठीक करेंगे। एसडीओ ने बताया कि पंचकूला से बिल ठीक होकर आएगा। अधिकारियों के मांगने पर मीटर की गलत रीडिंग वीडियो पर बनाकर दी। बिजली निगम का कर्मचारी भी रीडिंग दोबारा देखकर गया उसके बाद भी बिल ठीक नहीं हो रहा।
कहां गया साफ्टवेयर
दो माह पहले बिजली वितरण निगम के सीएमडी शत्रुजीत कपूर ने पत्रकारवार्ता में दावा किया था कि अब निगम ने ऐसा साफ्टवेयर लागू किया है, जिससे करोड़ों का अनाप-शनाप बिल नहीं आएगा। रीडिंग गलत भी होगी तो बिल उपभोक्ता को मिलने से पहले ही चेक हो जाएगा। सीएमडी का दावा भी खोखला साबित हो रहा है। करोड़ों के अनाप-शनाप बिल आ रहे हैं। बिजली के खुले दरबार से सीएम विंडो तक बी गलत बिल की शिकायतें दर्ज हो रही है।
मेरे संज्ञान में नहीं है, गलत बिल सोमवार को ठीक हो जाएगा
मॉडल टाउन सब-डिविजन के एसडीओ रणवीर देशवाल ने बताया कि उनके संज्ञान में गलत बिल शिकायत नहीं आई है। गलत बिल की कॉपी दें। सोमवार को ठीक बिल पहुंच जाएगा।