ओले-बारिश से बढ़ी ठंड, अभी और बदलेगा मौसम का मिजाज Panipat News
पानीपत सहित आसपास के इलाकों में ओले और बारिश से ठंड बढ़ गई है। गुरुवार को रातभर और शुक्रवार को सुबह बूंदाबांदी हुई और ओले भी गिरे।
पानीपत, जेएनएन। पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानों में बाशि से ठिठुरन बढ़ गई है। पानीपत में आठ एमएम बारिश दर्ज की गई। सनौली क्षेत्र में ओले गिरे। बारिश से गेहूं व सरसों की फसल को फायदा होगा। आगे और बारिश हुई तो आलू को नुकसान हो सकता है। शुक्रवार को दिनभर बादल छाए रहे। तेज हवा चलने से ठंड बढ़ गई। पांच साल के दौरान दिसंबर में इस बार सबसे ज्यादा बारिश हुई है। अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गुरुवार को न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम का यह रुख रविवार तक जारी रहेगा। गुरुवार को रातभर और शुक्रवार को सुबह हुई बूंदाबांदी।
जीटी रोड पर जाम लगा
बृहस्पतिवार देर रात को बारिश के कारण कुछ देर के लिए यातायात अवरुद्ध रहा। आठ लेन का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा होने के कारण वाहन चालकों को अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है।
प्रदूषण स्तर में सुधार
बारिश होने और तेज हवां चलने से शुक्रवार को प्रदूषण के स्तर में कमी आई। गुरुवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 437 माइक्रोग्राम था जो शुक्रवार को 204 माइक्रोग्राम रहा।
ब्लॉक स्तर पर बारिश की स्थिति
पानीपत : 8 एमएम
समालखा : 9 एमएम
इसराना : 7 एमएम
बापौली : 7 एमएम
मतलौडा : 9 एमएम
पांच वर्षों में 13 दिसंबर तक बारिश की स्थिति
दिसंबर 2014 : 20.6 एमएम
2015 : 21 एमएम
2016 : 23 एमएम
2017 : 22.6 एमएम
2018 : 22 एमएम
13 दिसंबर 2019 तक : 23 एमएम
गेहूं की बिजाई प्रभावित
जिले में 85 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई का लक्ष्य रखा गया था। ज्यादातर रकबे में बिजाई हो चुकी है। पिछले दिनों हुई बारिश से बिजाई का काम प्रभावित होने के साथ दो से तीन दिन पहले की गई बिजाई वाले खेत में फसल न उगने पर किसान को नुकसान तक झेलना पड़ा। कई दिन मौसम साफ रहने के बाद किसान गेहूं की बिजाई के लिए तैयारी में थे, लेकिन दोबारा से हुई बारिश ने बिजाई के काम को प्रभावित कर दिया। अगेती फसल के लिए बारिश वरदान है। सब्जी की फसलों को ज्यादा बारिश होने पर नुकसान हो सकता है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक जिले में 1100 हेक्टेयर में आलू, 1198 हेक्टेयर में प्याज, 1250 हेक्टेयर में टमाटर व 6550 हेक्टेयर में फूलगोभी की खेती की गई है।
गेहूं व सरसों की फसल के लिए अच्छी
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के एसडीओ राजेश भारद्वाज का कहना है कि बारिश से सरसों और गेहूं की फसलों को फायदा पहुंचेगा। बागवानी करने वाले किसानों के लिए भी बारिश लाभप्रद साबित होगी। आलू, मटर व अन्य सब्जी की फसल में अभी नुकसान नहीं है। अगर बारिश ज्यादा होती है तो नुकसान हो सकता है।
आलू निकालने का काम हुआ प्रभावित
किसान गुरुचरण सिंह का कहना है कि बारिश से गेहूं की फसल को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि हाल में उगाए गए नए आलू निकालने का काम चल रहा है। बारिश होने पर काम प्रभावित हुआ है।