ईवीएम को नहीं कर सकते ऑनलाइन हैक : डॉ. चंद्रशेखर खरे
जागरण संवाददाता, पानीपत : चुनाव आयोग निष्पक्ष व पारदर्शी चुनाव प्रकिया अमल में लाता है। चुनाव के
जागरण संवाददाता, पानीपत : चुनाव आयोग निष्पक्ष व पारदर्शी चुनाव प्रकिया अमल में लाता है। चुनाव के दौरान मतदान में प्रयोग में लाई जाने वाली ईवीएम मशीन इंटरनेट से नहीं जुड़ी होती। इसलिए इसे किसी भी दशा में ऑनलाइन-हैक नहीं किया जा सकता।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर खरे ने बताया कि ईवीएम के माध्यम से पूरी निष्पक्षता व पारदर्शिता से चुनाव करवाया जाता है। किस मतदान केन्द्र अथवा बूथ पर कौन-सी ईवीएम मशीन लगाई जाएगी किसी को जानकारी नहीं होती। इसके लिए रैडमाइजेशन की प्रक्रिया अमल में लाई जाती है। ईवीएम मशीन को पहले लोकसभा अनुसार, फिर विधानसभा अनुसार और सबसे अंत में बूथ अनुसार निर्धारित किया जाता है। पोलिंग पार्टी को मतदान केन्द्र पर रवाना करते समय ही डिस्पैचिंग की जाती है। तभी मतदान केन्द्र प्रभारी को पता चलता है कि किस सीरीज का ईवीएम दिया गया है।
उपायुक्त ने बताया कि ईवीएम चुनाव प्रणाली में दो मशीनें होती है। बैलेट यूनिट तथा कंट्रोल यूनिट होती है। इसके अलावा पिछले चुनाव 2014 में तीसरी यूनिट वीवीपीएटी को भी जोड़ा गया है, जो सात सेकेंड के लिए मतदाता को एक पर्ची दिखाता है, जिसमें उल्लेखित रहता है कि मतदाता ने अपना वोट किस उम्मीदवार को दिया है।
उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के इस्तेमाल पर अनेक बार देश के उच्च न्यायालयों द्वारा जिनमें मद्रास, दिल्ली, कर्नाटक, केरल और मुंबई उच्च न्यायालय शामिल हैं, के निर्णय भी आ चुके है। इसमें ईवीएम चुनाव प्रणाली एक स्वतंत्र ईकाई है और ईवीएम प्रोग्राम पूरी तरह से भिन्न प्रणाली व विश्वसनीय मतदान प्रणाली है।