आयकर विभाग ने छह साल पुराने केस खोले
जागरण संवाददाता, पानीपत : आगामी 31 मार्च को चालू वित्त वर्ष समाप्त हो रहा है। इसे देखते हुए आयकर
जागरण संवाददाता, पानीपत :
आगामी 31 मार्च को चालू वित्त वर्ष समाप्त हो रहा है। इसे देखते हुए आयकर विभाग ने छह साल पुराने उन सभी केसों को खोलना शुरू कर दिया है, जिनमें में प्रापर्टी की खरीद तथा नोटबंदी के दौरान नकदी जमा हुई है। आयकर विभाग दिन रात इस काम में जुटा हुआ है। 31 मार्च के बाद छह साल पुराने मामले की जांच नहीं हो सकती, इसीलिए इन मामलों को खोला जा रहा है। शनिवार और रविवार अवकाश के दिन भी आयकर कार्यालय खुले रहे।
पांच दिनों पर काफी उम्मीद
आयकर विभाग को आगामी पांच दिनों से काफी उम्मीदें है। जिन मामलों में संदेह उन्हें विभाग संदेश भेज चुका है। नोट बंदी के बाद चलाई गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में भी 31 मार्च तक छुपाए गए धन की घोषणा हो सकती है। एक अप्रैल से विभाग जांच शुरू करेगा।
शहर में 515 को नोटिस
नोट बंदी के दौरान बैंकों में नगदी जमा करवाने वाले 515 के लगभग लोगों को नोटिस दिए गए। जिनसे ऑन लाइन जवाब लिए जा रहे है। जो सही जवाब नहीं दे पाए उनको दोबारा नोटिस दिए गए। दोबारा भी जवाब न मिलने के स्थिति उन केसों की जांच होगी।
चार करोड़ का सरेंडर
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत चार करोड़ का सरेंडर हुआ है। जिसे विभाग कम मान रहा है। अधिकारियों का कहना है कि 31 मार्च तक मौका मिला हुआ है। ऐसे में जो व्यक्ति सरेंडर करता है उस पर 49.9 प्रतिशत टैक्स लगेगा। यदि छापेमारी में पकड़ा जाता है तो उस पर डेढ गुणा अधिक जुर्माना लगेगा। आयकर विभाग ने सभी बैंकों से नोट बंदी के दौरान हुए नगदी जमा की जानकारी जुटा ली है। विभाग एक अप्रैल के इंतजार में है।
सभी खातों के जांच होगी
आयकर विभाग इंवेस्टिगेशन विंग के डिप्टी डायरेक्टर प्रेम सिंह ने बताया कि 31 मार्च के बाद कार्रवाई तेज की जाएगी। नगदी जमा करवाने वालों के फिलहाल जांच होगी। लोगों को 31 मार्च तक स्कीम का फायदा उठा लेना चाहिए।
नोट बंदी के दौरान पानीपत में पांच करोड़ रुपये पुराने नोट पुलिस ने पकड़े थे। जो पुलिस जांच में पकड़े गए थे।
आयकर विभाग को 170 करोड़ का टारगेट
आयकर विभाग को इस वर्ष 170 करोड़ आयकर का टारगेट मिला था। यह टारगेट भी पूरा नहीं हो पाया। नोट बंदी के दौरान सरेंडर राशी को इस टारगेट में शामिल नहीं किया जाता।