सड़कों पर घूम रहे गोवंश को सहारा मिलने की उम्मीद जगी
जागरण संवाददाता, पानीपत : सड़कों पर बेसहारा घूम रहे गोवंश को सहारा मिलने की उम्मीद जगी
जागरण संवाददाता, पानीपत : सड़कों पर बेसहारा घूम रहे गोवंश को सहारा मिलने की उम्मीद जगी है। गोसेवा आयोग के सदस्य, पशुपालक विभाग और नगर निगम आयुक्त की बैठक हुई। आयुक्त ने रोहतक नगर निगम और गोशालाओं के बीच हुए समझौते पर सहमति जताई है। आयोग के सदस्य ने समझौते की कापी बड़ौली और पानीपत गोशालाओं को भेज दी। गोशाला और नगर निगम के बीच सहमति बनी तो दोनों के बीच करार होगा। दोनों को शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने होंगे, ताकि सड़कों पर घूम रहे गोवंश को गोशालाओं को छोड़ा जा सके।
नगर निगम आयुक्त वीना हुड्डा, गोसेवा आयोग के सदस्य कुलबीर खर्ब, पशुपालक विभाग के एसडीओ डॉ. संजय अंतिल के बीच मंगलवार दोपहर बाद करीब 3 बजे मीटिंग हुई। 15 मिनट तक समझौते पर चर्चा हुई। आयुक्त पे अपनी सहमति जताई है। अब अगर गोशाला संचालक राजी हुई तो सड़कों पर बेसहारा घूम रहे गोवंश को गोशाला को भेजा जाएगा। इसके नगर निगम और गोशालाओं के बीच करार होगा। समझौते की शर्ते लिखी जाएंगी और निगम अधिकारी, गोशाला संचालकों को हस्ताक्षर करने होंगे। गवाह के तौर पर गोसेवा आयोग के सदस्य व पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साइन होंगे। समझौते के बाद गोवंश गोशालाओं में भेजा जाएगा।
आयुक्त ने समझौते पर सहमति जताई : गोसेवा आयोग के सदस्य कुलबीर खर्ब ने बताया कि नगर निगम आयुक्त ने समझौते पर सहमति जताई है। गोशाला संचालकों को समझौते की कापी भेज दी है। समझौते के मुताबिक प्रति गोवंश के प्रतिदिन 50 रुपये दिए जाएंगे। सड़कों पर घूम रहे गोवंश को गोशालाओं में छोड़ने की जिम्मेदारी निगम की होगी।
पशुपालक विभाग देगा रिपोर्ट :
गोसेवा आयोग के सदस्य ने बताया कि समझौते के मुताबिक पशुपालन विभाग गोवंश की टैगिंग करेगा। प्रत्येक महीने की 5 तारीख तक गोवंश की रिपोर्ट देगा। नगर निगम को 12 तारीख तक गोवंश की संख्या के मुताबिक तारीख तक गोशाला के खाते में धनराशि जमा करानी होगी। पशुपालक या निगम अधिकारियों की कमी के कारण गोशालाओं को समय पर धनराशि नहीं मिली तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान होगा।