जेबीटी काउंसिलिंग बंद, 15 से 20 फीसद सीटें रिक्त
अरविन्द झा, पानीपत जूनियर बेसिक टीचर (जेबीटी ) प्रशिक्षण संस्थानों में इस बार सीटें नहीं भर
अरविन्द झा, पानीपत
जूनियर बेसिक टीचर (जेबीटी ) प्रशिक्षण संस्थानों में इस बार सीटें नहीं भर सकीं। नौवीं बार काउंसिलिंग का अवसर देने के बाद भी सरकारी से लेकर निजी संस्थानों में 15 से 20 फीसद सीटें रिक्त हैं। इसके लिए प्रशिक्षण कार्यकाल के दौरान स्कूल अनुभव को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
जूनियर बेसिक टीचर का कोर्स कराने के लिए प्रत्येक जिले में एक राजकीय डाइट संस्थान है। शिक्षण कार्य की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए चार वर्ष पहले 180 दिनों का स्कूल में पढ़ाने का अनुभव लेना अनिवार्य कर दिया गया। छात्र अध्यापकों ने इसका विरोध किया लेकिन अधिकारी इसे लागू करने पर अड़े रहे। इसी वजह से इस कोर्स से कतराने लगे। सरकारी व निजी डाइट संस्थानों में शैक्षणिक सत्र 2016-17 के लिए ऑनलाइन आवेदन के बाद नौ बार काउंसिलिंग करा दी गई। एससीईआरटी के एक अधिकारी के मुताबिक ज्यादातर डाइट संस्थानों में न्यूनतम 15 से 20 फीसद सीटें रिक्त हैं।
सरकारी में 100 सीटें उपलब्ध
अन्य जिलों की तरह पानीपत के राजकीय डाइट संस्थान में 100 सीटें आवंटित की गई हैं। नौवीं काउंसिलिंग के बाद 84 सीटें ही भर सकी। 15 छात्र अध्यापक नाम कटा कर जा चुके हैं। सोनीपत जिले के विश्वामिल डाइट में 87 सीटें भरी बताई जा रही हैं। दूसरे जिलों में भी कमोबेश यही हाल है।
माइग्रेशन का विकल्प
राज्य शैक्षणिक अनुसंधान परिषद ने रिक्त सीटों को भरने के लिए माइग्रेशन का विकल्प दिया। जो छात्र अध्यापक दूर के संस्थानों में हैं, माइग्रेशन लेकर नजदीकी संस्थान में जा सकते हैं। 2 जनवरी आवेदन की अंतिम तिथि घोषित की गई। परिषद के अधिकारियों के मुताबिक इसके बावजूद भी शत प्रतिशत सीटें नहीं भर पाएंगी।
पढ़ाई हो रही प्रभावित
पहली, दूसरी व तीसरी काउंसिलिंग के बाद जो विद्यार्थी इन संस्थानों में दाखिला कराने आए, उन्हें पढ़ाई में नुकसान उठाना पड़ा। कक्षा में जो सिलेबस करा दिया गया, वो कैसे पूरा करेंगे। बताया जा रहा है कि सेमेस्टर सिस्टम इस बार से समाप्त हो जाएगा।