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हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में नहीं होगा बाहरी राज्यों के मरीजों का मुफ्त इलाज

हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना को लेकर नोटिफिकेशन जारी दिया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि बाहरी राज्यों के लोगों का मुफ्त इलाज नहीं होगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 23 Jul 2017 01:27 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jul 2017 01:29 PM (IST)
हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में नहीं होगा बाहरी राज्यों के मरीजों का मुफ्त इलाज
हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में नहीं होगा बाहरी राज्यों के मरीजों का मुफ्त इलाज

जेएनएन, पानीपत। मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से नई नोटिफिकेशन जारी हुई है। इसके तहत प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे सहित 140 तरह की जांच के लिए मरीजों को हरियाणा निवासी होने का प्रमाणपत्र दिखाना होगा। आइडी प्रूफ नहीं होने पर मरीज को निर्धारित शुल्क जमा कराना होगा। टेस्ट रेट 5 रुपये से 400 रुपये तक निर्धारित किए गए हैं।

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स्वास्थ्य विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अमित झा ने सभी जिलों के सिविल अस्पतालों को निर्देश जारी कर दिए हैं। इस बदलाव से पानीपत सहित प्रदेशभर में रह रहे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उडीसा, नेपाल व अन्य राज्यों के मरीजों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से चार दिन पहले जारी इस नोटिफिकेशन के मुताबिक मरीज यदि हरियाणा निवासी है और आवास प्रमाण है तो उसके लिए एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड समेत सभी टेस्ट फ्री होंगे।

ऐसा नहीं होने पर उसे निर्धारित यूजर चार्ज की धनराशि काउंटर पर जमा कराकर स्लिप प्राप्त करनी होगी। स्लिप दिखाने के बाद ही टेस्ट हो सकेगा। इसके तहत अल्ट्रासाउंड के 100 रुपये और एक्स-रे के 50 रुपये चुकाने होंगे। इससे पहले प्रत्येक मरीज का एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड व टेस्ट फ्री किए जाते थे। बताया जाता है कि यह फैसला सरकार ने यह निर्णय अस्पतालों का बोझ कम करने के उद्देश्य से लिया है। नोटिफिकेशन के मुताबिक मेडिको लीगल केस, एमएलआर की डुप्लीकेट प्रतिलिपि के रेट 100 रुपये से बढ़ाकर 250 रुपये कर दिए गए हैं। हालांकि, यह दरें हरियाणावासियों से भी वसूली जाएगी।

वर्ष 2014 में लागू हुई थी योजना

मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना 1 जनवरी, 2014 से प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में लागू हुई थी। योजना के तहत यहां आने वाले सभी मरीजों के एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड व लैब टेस्ट फ्री किए जाते थे।

एसकेएस होगी मालामाल

यूजर चार्ज के रूप में मरीजों से वसूली जाने वाली धनराशि स्वास्थ्य कल्याण समिति (एसकेएस) के खाते में जाएगी। बिल्डिंग की मरम्मत, रंगाई-पुताई, उपकरणों का उन्नतिकरण व इमरजेंसी में दवा की खरीद एसकेएस की धनराशि से होती है। बाहरी राज्यों के मरीजों से यूजर चार्ज वसूली के नोटिफिकेशन से एसकेएस के मालामाल होने की संभावना है।

नोटिफिकेशन लागू करा दिया गया है

चिकित्सा अधीक्षक-सिविल अस्पताल डॉ. आलोक जैन का कहना है कि  स्वास्थ्य विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी का नोटिफिकेशन लागू करा दिया गया है। टेस्ट कराने पहुंच रहे मरीजों से आइडी प्रूफ मांगा जा रहा है।

जागरण से मांगा सर्कुलर, फिर चुप्पी साधी

स्वास्थ्य विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अमित झा से जब जागरण ने बात की बात तो उन्होंने कहा कि दूसरा या बाहरी राज्य नहीं होता, सभी भारतीय हैं। मुझे सर्कुलर वाट्सएप कर दीजिए। इसके बाद उन्होंने इस पर न तो कोई जवाब दिया, न ही फोन उठाया।

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