अभिभावकों ने फीस बढ़ोतरी पर स्कूलों के खिलाफ शहर में टांग दिए होर्डिंग
निजी स्कूलों की ओर से अभिभावकों से लिए जा रहे गैर कानूनी शुल्क के खिलाफ पेरेंट्स एसोसिएशन ने सोशल मीडिया पर अभियान शुरू कर दिया है।
जेएनएन, पानीपत। निजी स्कूलों की ओर से अभिभावकों से लिए जा रहे गैर कानूनी शुल्क के खिलाफ पेरेंट्स एसोसिएशन ने सोशल मीडिया पर अभियान शुरू कर दिया है। शहर भर में 200 होर्डिग लगाकर लोगों को एकजुट किया जा रहा है। पेरेंट्स एसोसिएशन के प्रवक्ता एडवोकेट सुभाष सैनी ने बताया कि निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से वार्षिक शुल्क, एडमिशन फीस, कंप्यूटर फीस, स्मार्ट क्लास रूम फीस ली जाती है।
हरियाणा शिक्षा विभाग और सीबीएसई द्वारा जारी नियमावली के अनुसार यह गैर कानूनी है। निजी स्कूलों की इस लूट के खिलाफ ही अभिभावक एकजुट हो रहे हैं। सोशल मीडिया के साथ-साथ जागरूकता के लिए शहर भर में भी 200 होर्डिग लगाए हैं। उनके साथ प्रदेश के अन्य जिलों करनाल, फरीदाबाद, जींद, रोहतक और झज्जर से भी लोग फोन से जुड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि दिसंबर से यह अभियान शुरू किया था। कोर्ट में भी निजी स्कूलों के खिलाफ केस चल रहे हैं। पेरेंट्स का कहना है कि ज्यादा फीस वसूले जाने पर उनका बजट बिगड़ता जा रहा है। स्कूल संचालकों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
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पेरेंट्स एसोसिएशन वॉट्सएप, फेसबुक और अन्य माध्यमों से प्रचार कर बच्चों के अभिभावकों से अपील कर रही है कि निजी स्कूलों द्वारा नियमों के खिलाफ मांगी जा रही फीस का विरोध करें। 31 मार्च तक इसके विरोध में एकजुट होकर आवाज उठाएं। यदि अब एकजुटता से आवाज नहीं उठाई तो 1 साल निजी स्कूलों की लूट सहन करनी पड़ेगी। एसोसिएशन की इस अपील पर प्रदेश भर के कई जिलों से अभिभावक फोन कर एक दूसरे से जुड़कर आगामी रणनीति के लिए बैठक की तैयार कर रहे हैं।
किसी भी निजी स्कूल को नहीं है फीस बढ़ाने की अनुमति
एडवोकेट सैनी के अनुसार आरटीआई से खुलासा हुआ है कि जिले के किसी भी स्कूल में आने वाले सत्र के लिए फीस बढ़ाने की अनुमति नहीं ली है। इसलिए वे फीस नहीं बढ़ा सकते। अभिभावकों को इस बात का ध्यान रखते हुए गैर कानूनी रूप से बढ़ी फीस नहीं देनी चाहिए।
इन बातों पर भी दें ध्यान अभिभावक
पेरेंट्स एसोसिएशन के कानूनी सलाहकार एडवोकेट सैनी ने बताया कि शिक्षा विभाग के नियमानुसार निजी स्कूल प्रवेश शुल्क के रूप में केवल नए विद्यार्थी के प्रवेश पर या कक्षा 1, 6, 9 और 11 में ही विद्यार्थी से प्रवेश शुल्क ले सकते हैं। हर वर्ष यह शुल्क लेना नियम की अवहेलना है। निजी स्कूल फीस से एकत्रित हुई राशि को समिति के अन्य खातों में ट्रांसफर नहीं कर सकते। लेट फीस के रूप में एक महीना पूरा होने के बाद 10 पैसे प्रतिदिन विलंब शुल्क लिया जाना चाहिए न कि 10 या 20 रुपये प्रतिदिन।
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