1 जून से फिर कर सकेंगे जीएसटी पंजीकरण, इस बार न चूकें व्यापारी: अजय कंसल
जागरण संवाददाता, पानीपत जिला आबकारी एवं कराधान विभाग की ओर से आर्य कॉलेज में सेमीनार क
जागरण संवाददाता, पानीपत
जिला आबकारी एवं कराधान विभाग की ओर से आर्य कॉलेज में सेमीनार कराया गया। इसमें बिक्री कर अधिकारियों ने व्यापारियों के सवालों के जवाब दिए। कराधान अधिकारी अजय कंसल ने व्यापारियों को 1 जून से वेबसाइट खुलने के बारे में जानकारी दी। डीइटीसी वीके बेनीवाल ने व्यापारियों से जीएसटी पंजीकरण करने की भी अपील की।
एक्साइज एंड टैक्सेशन ऑफिसर अजय कंसल ने बताया कि जीएसटी ऐसी कर प्रणाली है, जिसमें सभी प्रकार के कर एक ही कर में शामिल होंगे। कई केंद्रीय एवं राज्य कर इस प्रणाली में मिलने पर कर का दोहरीकरण भी कम होगा। यह अप्रत्यक्ष कर है। इसमें दिए गए कर का क्रेडिट भी लिया जा सकता है। जीएसटी के तहत पंजीकृत व्यवसायी किसी वस्तु या सेवा की खरीद पर दिए गए कर के बदले टैक्स क्रेडिट वापस ले सकते हैं। उन्होंने व्यापारियों से अपील की कि जीएसटी के लिए जल्द से जल्द पंजीकरण करवाएं। साथ ही अन्य व्यापारियों को भी इस बारे में जागरूक करें।
70 फीसदी ही हुआ पंजीकरण:
जिले में करीब 14 हजार वैट धारक व्यापारी हैं। इनमें से सिर्फ 70 फीसदी व्यापारियों ने ही जीएसटी पंजीकरण करवाया है। पंजीकरण की अंतिम तिथि 30 अप्रैल थी। वित्त मंत्रालय की ओर से इस माह पंजीकरण प्रक्रिया बंद है। 1 से 15 जून तक पंजीकरण प्रक्रिया फिर शुरू होगी। सेमिनार में आए व्यापारियों ने इस प्रणाली के लागू होने से पहले पर्याप्त जानकारी के लिए समय दिए जाने की भी बात कही।
पंजीकरण के बाद व्यवसाय में आसानी: कर अधिकारी अजय कंसल ने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद उत्पाद या सेवा पर एक ही कर लगेगा। कई कर हटने से काम जल्दी होंगे। कार्यो में पारदर्शिता आएगी। पंजीकृत व्यापारी कर चोरी नहीं कर सकेगा। राज्यों से बाहर सीमा पर कर भुगतान के लिए घंटों खड़ा नहीं होना पड़ेगा, क्योंकि जीएसटी में सारे कर लग जाएंगे। इसके अतिरिक्त नए उद्यमियों को भी पंजीकरण के बाद व्यवसाय करने में आसानी होगी। सेनिनार में आबकारी एवं कराधान आयुक्त वीके बेनीवाल, निरीक्षक वीरेंद्र कुमार, हरीश बतरा, आबकारी आयुक्त आलोक पासी मौजूद रहे।
अभी पूरी जानकारी नहीं, समय मिलना चाहिए:
बार एसोसिएशन (इनकम टैक्स) के पूर्व प्रधान एडवोकेट हरेंद्र मित्तल ने कहा कि जीएसटी कर अधिनियम के अंतर्गत 174 सेक्शन हैं, इसके बाद सब सेक्शन और अन्य करों का भी हवाला दिया गया है। किन वस्तुओं पर कितना कर होगा व किन पर छूट होगी, यह भी सूची नहीं मिली है। ऐसे में यहां के व्यापारियों को इस प्रणाली को समझने के लिए समय चाहिए।
समालखा में सेमिनार आज
आबकारी एवं बिक्री कर विभाग की ओर से ब्ल्यू जे रिसोर्ट समालखा में आज सुबह 10 से 12 बजे तक जीएसटी जागरूकता पर सेमीनार आयोजित किया जाएगा।