ज्ञान से आती है जागृति : स्वामी दयानंद
जागरण संवाददाता, पानीपत : ज्ञान में आनंद है। ज्ञान जागृत करता है। अक्सर जब हम किसी के यहा श
जागरण संवाददाता, पानीपत :
ज्ञान में आनंद है। ज्ञान जागृत करता है। अक्सर जब हम किसी के यहा शोक प्रकट करने जाते हैं तो रास्ते में खुशी खुशी जाते हैं। उनके घर तक पहुंचने पर हम एकदम गंभीर हा जाते हैं। शक्ल को ऐसे झूठमूठ का बना लेते है,ं जैसे हमें बहुत दुख हुआ हो। नव विक्रमी संवत के उपलक्ष्य में हरि मंदिर में बुधवार को अयोजित सत्संग में यह बात स्वामी दयानंद सरस्वती ने कही।
उन्होंने कहा कि हम शोकग्रस्त व्यक्ति को जिन शब्दों में दुख व्यक्त करते हैं तो उससे व्यक्ति का दुख घटता नहीं, बल्कि और बढ़ जाता है। यही नहीं, हम उस व्यक्ति को अपना दुख भी सुनाकर यह दर्शाते हैं कि हम भी बहुत दुखी हैं। ऐसा सुनकर वह व्यक्ति और दुखी हो जाता है। सत्संग में प्रधान संत लाल चुघ, किशोर रामदेव, दर्शन रामदेव, हरनाम चुघ, उत्तम आहूजा, जगदीश जुनेजा, करम सिंह रामदेव, श्याम सपड़ा, ईश्वर लाल रामदेव, रमेश चुघ, पवन चुघ, गोल्डी बागा, करतार चुघ, कृष्ण लाल रामदेव, अमन रामदेव, सुरेन्द्र जुनेजा, मोहन लाल रामदेव व छवि रामदेव, सहित दर्जनों श्रद्धालु मौजूद रहे।