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17 गांवों में बाढ़ का खतरा, प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

यमुना नदी के उफान के कारण जिले के 17 गावों में बाढ़ का खतरा रहता है। कृषि भूमि जलमग्न हो जाती है। क्षेत्र के मरीजों को इलाज मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सीए

By Edited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 07:12 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 07:12 AM (IST)
17 गांवों में बाढ़ का खतरा, प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
17 गांवों में बाढ़ का खतरा, प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

पानीपत, जेएनएन। मानसून की दस्तक शनिवार रात को हुई बारिश के साथ हो चुकी है। बरसात के मौसम में यमुना नदी के उफान के कारण जिले के 17 गावों में बाढ़ का खतरा रहता है। कृषि भूमि जलमग्न हो जाती है। बाढ़ के दौरान क्षेत्र के मरीजों को इलाज मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सीएचसी बापौली, पीएचसी ऊझा, पट्टी कल्याणा में दवा का स्टाक कर लिया गया है।

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सीनियर मेडिकल ऑफिसर डा. कर्मवीर चौपड़ा ने बताया कि हरियाणा सहित हिमाचल-उत्तराखंड में मूसलधार बरसात के दौरान हथनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा जाता है। इससे बाढ़ की स्थिति बन जाती है। विगत वर्षों के दौरा बाढ़ की चपेट में आने वाले गांवों को चिह्नित किया गया है। बहुउद्देश्यीय कर्मचारियों को हालात पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ग्रस्त गांवों का पानी और खानपान दूषित हो जाता है। उल्टी-दस्त, टाइफाइड, मलेरिया, डेंगू, त्वचा और नेत्र रोग पनपने लगते हैं। ड्रिंकवैल टेबलेट पानी को शुद्ध करने का काम करती है। टेबलेट गांवों में बांटी जाती है। उल्टी-दस्त की स्थिति में मरीजों को दवा के साथ ओआरएस व ग्लूकोज पैकेट का वितरण होता है।

डा. चोपड़ा के मुताबिक सीएचसी-पीएचसी में इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों-तीमारदारों को पानी उबालने के बाद ठंडा कर पीने, मच्छरदानी लगाकर सोने, शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने की सलाह दी जा रही है। बीमारियों से बचने के लिए ताजा सब्जी-फलों का सेवन करें।

इन गांवों में आती रही है बाढ़

राणा माजरा, गढ़ी बेसिक, जलालपुर, नवादा आर, तमशाबाद, सनौली, रिशपुर, नन्हेड़ा, अधमी, मिर्जापुर, गोयला कलां, गोयला खुर्द, हथवाला, बिलासपुर, राकसेड़ा, काकरौली। गर्भवती व कमजोर बच्चों की ट्रै¨कग बाढ़ के खतरे को देखते हुए गर्भवती व कमजोर बच्चों की ट्रै¨कग करने का निर्देश भी दिए गए हैं। एएनएम, आशा वर्कर और आंगनबाड़ी सेविकाओं की ड्यूटी लगी है। गर्भवती का नाम-पता, मोबाइल नंबर लिया जाएगा, ताकि सुरक्षित प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचाया जा सके।


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